लखनऊ,न्यूज़ वन इंडिया-दीपक ठाकुर। दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह किस तरह की ठण्ड पड़ती है ये किसी से छिपा नही है ठण्ड तो ठंडी कोहरे का क्या आलम होता है ये भी बताने की ज़रूरत शायद नही है।मगर जो बात हर व्यक्ति जानता है वो बात शासन तक क्यों नही पहुंच रही ये किसी के पल्ले नही पड़ रहा।जिससे वो स्कूली बच्चे और उनके अभिभावकों को खासी दिक्कत हो रही है।
हालांकि शासन ने इतनी मेहरबानी ज़रूर की है कि स्कूल का समय 9 बजे से कर दिया है पर शायद उनको ये नही पता कि 9 बजे से लगने वाले स्कूल के लिए उनको कितने बजे जागना पड़ता होगा और कितने बजे घर से निकलना पड़ता होगा।चलिए हम ही कुछ बताने का प्रयास करते है कि 9 बजे के स्कूल के लिए बच्चे 7 बजे बिस्तर छोड़ने को मजबूर हो जाते है गलन वाली ठण्ड के बावजूद सुबह 8 बजे तक नहा धो कर अपनी वैन का इंतज़ार करते है।
ये तो हुआ बच्चो और उनके अभिभावकों का रूटीन लेकिन स्कूली बस कैसे 10 से 12 किलोमीटर का सफर कोहरे में तय करते होंगे इसका अंदाज़ा भर ही लगाया जा सकता है।
कहने का मतलब साफ है कि जिलाधिकारी महोदय आप ही कुछ एक्शन लीजिये के स्कूल में शीतकालीन अवकाश घोषित हो वरना स्कूल प्रबंधन तो हाजरी पूरी करने के फेर में बच्चों को आफत में डाले ही रहेगा।ठण्ड वाकई में बहुत है गौर कीजिए बच्चे स्वस्थ रहेंगे तभी स्वस्थ भारत का भविष्य सुंदर बनेगा।बच्चो की ये पीड़ा बच्चो के द्वारा सुन कर ही आपको प्रेषित करने का प्रयास कर रहा हूँ।इससे पहले की कोई खबर बन जाये ठण्ड को देखते हुए स्कूल बंद करने का आदेश जारी कर दीजिए।