वाराणसी यूपी में ताबड़तोड़ क्राइम के चलते सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार बैकफुट पर आ गयी है। प्रदेश में शायद ही ऐसा दिन बीतता होगा, जबकि किसी जिले में अपराध की बड़ी घटना नहीं होती है। सीएम योगी भी जान गये हैं कि यदि क्राइम कंट्रोल नहीं होता है तो बीजेपी सरकार को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ेगा।
सीएम योगी ने कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए विशेष ध्यान देने को कहा है। इसके चलते डीजीपी सुलखान सिंह ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिदिन एक घंटे का गश्त करने का निर्देश जारी किया है। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में पहले ही एडीजी जोन की तैनाती की गयी है। डीजीपी के नये निर्देश के बाद खुद एडीजी विश्वजीत महापात्रा, आईजी रेंड दीपक रतन, एसएसपी नितिन तिवारी के साथ एसपी सिटी व एसपी ट्रैफिक खुद सड़कों पर एक घंटे गश्त करेंगे। पुलिस के आला अधिकारियों के सड़क पर उतरने से अधीनस्थों पर दबाव बनेगा और क्राइम कंट्रोल की दिशा में तेजी से काम करेंगे।
घर-घर की तैयार हो रही कुंडली
पुलिस ने बीट व्यवस्था छोड़ दी थी और पूरी तरह मुखबिरों पर निर्भर थी। इसके चलते पुलिस को यह पता नहीं चल पाता था कि जेल से छूटे अपराधी कहां पर है। इसमे से कौन अभी सक्रिय है और किसने जरायम की दुनिया से किनारा कर लिया है। एसएसपी नितिन तिवारी ने एक नयी व्यवस्था की है, जिसके तहत सिपाहियों को खास जिम्मेदारी दी गयी है वह घर-घर जाकर पता कर रहे हैं कि यहां पर कौन रहता है। किरायेदार से लेकर नौकर व वाहन चालक का नाम पर उनसे जुड़ी सारी जानकारी रजिस्टर पर दर्ज की जा रही है। ऐसे में गलियों में छिपकर रहने वाले अपराधी व संदिग्धों की जानकारी अब सामने आ जायेगी। इससे अपराध नियंत्रण में पुलिस को काफी आसानी होगी।
तेज तर्रार दरोगों की भी कमी है
जिले में तेज तर्रार दरोगाओं की भी कमी है। कुछ ही थानेदार ऐसे हैं जो अपराधियों पर शिकंजा कसने में कामयाब है। क्राइम ब्रांच की मदद से पुलिस लगतार खुलासे कर रही है। यदि थानों पर भी तेज तर्रार दरोगाओं की तैनाती हो जायेगी तो अपराध नियंत्रण में आ जायेगा।