लखनऊ दीपक ठाकुर। आपको याद ही होगा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद बड़े बड़े वादे किये थे उनमें एक वादा ये भी था कि 15 जून तक सभी सड़कें गड्ढा मुक्त कर दी जाएंगी हालांकि तय की गई तारीख तक तो आंखों से ऐसा कुछ दिखाई नही दिया पर बरसात का मौसम ऐसा वरदान बनकर आया इस सरकार के लिए के वो उनके दावों को पुख्ता ज़रूर कर देता है।अभी हो रही बारिश में हम सभी को पता है कि सड़कों का क्या हाल होता है ना सड़क दिखती है ना उसका गड्ढा दिखता है तो बस पानी ही पानी।
वैसे तो बारिश अनुमान के लिहाज से कम ही हो रही है पर जितनी भी हो रही है वो सड़को को गड्ढा मुक्त करने में काफी सहायक साबित हो रही है आपको इन तस्वीरों को देख कर लग ही रहा होगा कि यहां ना सड़क है ना गड्ढा है तो बस विभागीय लापरवाही का नमूना।हर गली मोहल्ले और सडको पर बरसात के बाद यही आलम दिखाई पड़ता है घर से निकलो तो पानी सड़क पे आओ तो पानी और तो और पानी निकासी की चौपट व्यवस्था से पानी घरों में भी पहुंच जाता है अब ऐसे में राजधानी के लोग बरसात का आनंद ले या सरकारी दावों पर छाती ठोंके जो सिर्फ ज़ुबानी ही होती है ज़मीनी रूप लेने में उसे बरसो बरस लग जाते हैं।
बरसात में इन जलमग्न रास्तों पर चलना कितना मुश्किल होगा ये बताने की ज़रूरत नही अब ऐसे में कोई सरकार या सरकारी विभाग की तारीफ कर भी कैसे सकता है जब काम ही तारीफ के काबिल नही हो पा रहा तो प्रदेश की जनता यही चाहती है कि माननीय लोग जिनको जनता ने माननीय बनाया है वो दावे कम और काम पे ज़्यादा तवज्जो करें तो अच्छा होगा।जगह जगह पर आपके ही लोग सड़क खोद कर चले जाते है परेशान जनता होती है कई मोहल्ले ऐसे हैं जहां सड़क पर गिट्टी बिछाने का काम विधायक जी ने शुरू तो करवा दिया पर बारिश में सड़क को खस्ता हाल बना कर बैठ गए।
तो मुख्यमंत्री जी आप ऐसे विभागों और विधायकों पर नकेल कसिए जो जनता को प्रताड़ित कर आपकी किरकिरी करवा रहे हैं सड़क उजड़ी हुई है और बोर्ड लगा दिया कि विधायक जी यहां सुंदरीकरण करवा रहे है इस विभाग के साथ मिलकर अरे भाई बोर्ड लगाने की इतनी जल्दी काहे रहती है सिर्फ तस्वीर खिंचाने के लिए या वाकई जनकल्याण भी निहित होता है उसमें बताइये।