अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने बवाना उपचुनाव में बड़े अंतर से जीत हासिल की है। वहीं बीजेपी के लिए उपचुनाव परिणाम बुरी खबर लेकर आया है।
दिल्ली नगर निगम चुनाव (एमसीडी) और राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में लगातार दो जीत हासिल करने वाली बीजेपी 35834 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। वहीं 31919 वोटों के साथ कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा था। हालांकि आप ने शानदार वापसी करते 24 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की।
आम आदमी पार्टी उम्मीदवार रामचंद्र को 59886 वोट मिला। वहीं बीजेपी के वेद प्रकाश ने 35834 और कांग्रेस के सुरेंदर कुमार ने 31919 वोट हासिल की। कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों के बीच के वोटों का अंतर काफी कम रहा।
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक वेद प्रकाश का पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया था।
बीजेपी ने आप छोड़ पार्टी में आए वेद प्रकाश को टिकट दिया था। आप ने इसे राजनीतिक भ्रष्टाचार करार देते हुए कहा था कि बीजेपी पार्टी विधायकों को तोड़ने के लिए पैसे का ऑफर कर रही है। वह सरकार बर्खास्त कर बीजेपी की सरकार बनाना चाहती है।
बवाना सीट पर उपचुनाव 23 अगस्त को 379 मतदान केंद्रों पर हुए थे। हालांकि, सिर्फ 45 फीसदी लोगों ने ही मतदान किया था।
लगातार मिल रही राजनीतिक हार के बाद आम आदमी पार्टी ने चाल बदली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले को छोड़ अपने पुराने स्टाइल में सड़कों पर राजनीतिक प्रचार शुरू किया। कामों को गिनाया। जिसका परिणाम बवाना उपचुनाव में पार्टी को देखने को मिला।
2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में 67 सीट हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी को 2017 पंजाब विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिली। उसके बाद राजौरी गार्डन विधानसभा उप चुनाव में आम आदमी पार्टी जमानत भी नहीं बचा सकी। इस सीट पर शिअद-बीजेपी उम्मीदवार मजिंदर सिंह सिरसा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। कांग्रेस के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे थे।
कांग्रेस बवाना विधानसभा उप-चुनाव में तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र को 31919 वोट मिले। 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से ही दिल्ली में कांग्रेस की हालत पतली है। उसके दिल्ली विधानसभा और संसद में दिल्ली से एक भी सदस्य नहीं हैं। हालांकि 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव के मुकाबले उसके बाद हुए चुनावों में उसके वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है।
राजौरी गार्डन उपचुनाव परिणाम आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक ग्रहण जैसा था। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नाराजगी जताई।
संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास आप की बैठकों से गायब रहने लगे और उन्होंने वीडियो ब्लॉग जारी कर केजरीवाल को नकारात्मक राजनीति नहीं करने के लिए कहा। उनका इशारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधानमंत्री पर राजनीतिक और निजी हमले की ओर था। कुमार विश्वास की सलाह के बाद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर बयानबाजी बंद कर दी।
कभी केजरीवाल के बेहद करीबी रहे कपिल मिश्रा ने पार्टी में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उनके निशाने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन हैं। बाद में कपिल मिश्रा ने पार्टी छोड़ दी। बवाना उप चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘बवाना में जीत की बधाई अरविंद केजरीवाल। मेरे प्रयासों में कमी रही आपके घोटालों को घर घर तक नहीं पहुंचा पाया। भ्रष्टाचार से जंग जारी रहेगी।’
Bawana में जीत की बधाई @ArvindKejriwal
मेरे प्रयासों में कमी रही आपके घोटालों को घर घर तक नहीं पहुंचा पाया
भ्रष्टाचार से जंग जारी रहेगी
— Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) August 28, 2017
बवाना उपचुनाव में जीत आम आदमी पार्टी (आप) के लिए संजीवनी जैसा है। आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने जीत को जनता के नाम समर्पित किया है।
बवाना की यह जीत, जनता के नाम !#दिल्ली_के_दिल_में_केजरीवालpic.twitter.com/DFJvRMOpwS
— AAP Delhi Official (@aapdelhincr) August 28, 2017
लगातार हार के बाद उपचुनाव में आप की जीत पार्टी को एकजुट रखने के साथ, पीएम मोदी के बढ़ते कद को भी दिल्ली में चुनौती देने का काम करेगी।