लखनऊ, दीपक ठाकुर। बसपा से निलंबित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने जो कल कहा था आज उन बातों से पर्दा उठा ही दिया या यूं कहें कि अपनी प्रेस कांफ्रेंस में बहन जी के खिलाफ उन्होंने जो जो कहा उसमे कुछ बाते तो जग जाहिर थी पर कुछ बातों ने झकझोर कर रख दिया।पीसी के दौरान नसीमुद्दीन ने सबसे पहले तो अपने ऊपर बहन जी द्वारा लगाये गए सभी आरोपों का ना सिर्फ खंडन किया बल्कि वही आरोप वो बहन मायावती पर लगा बैठे।
उन्होंने कहा कि मायावती ऐसी नेता हैं जो बिना पैसा लिए किसी से मिलना तक पसंद नही करती और तो और उन्होंने मुझसे पचास करोड़ रुपये मांगे और कहा कि चाहे जैसे लाओ पर पार्टी को पैसा दो जिसके लिए में अपना घर द्वार बेचने तक राजी हो गया था उनका कहना था कि उनको बचाने के लिए मैंने कई बार वो इल्ज़ाम भी अपने सर लिया जिससे मेरा कोई लेना देना नही था।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नसीमुद्दीन की आंखे भी नम हुई वो इस बात को लेकर के बहन जी के कहने पर वो अपनी बीमार बेटी का इलाज कराने नही जा पाए जिसकारण उसकी मौत हो गई और दूसरे लोगों ने दफन भी कर दिया पर पार्टी के लिए उनकी ये कुर्बानी भी मायावती भूल गई।उन्होंने कहा कि पार्टी में उनके भाई आंनद और सतीश चंद्र मिश्रा की जोड़ी ने उन्हें कई बार बेइज्जत किया पर फिर भी वो पार्टी के लिए तत्परता से काम करते रहे।
उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के लिए 35 साल लगाए उसे एक झटके में कैसे छोड़ दूं साथ ही नसीमुद्दीन ने ऑडियो रिकार्डिंग भी सुनाई जिसमे पैसों के लेनदेन का जिक्र था उन्होंने कहा कि अब बसपा में ना अम्बेडकर साहब के सिद्धांतों की जगह है ना दलितों के उत्थान की परवाह अब ये पार्टी एक कंपनी के तौर पर काम कर रही है जिसमे सतीश चंद्र मिश्रा की अहम भूमिका है।पीसी के दौरान उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि अगर उन्होंने अपना मुह खोल दिया तो भूचाल आ जायेगा। फिर भी नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी ना ना करते हुए काफी कुछ बोल गए वो ये बोल गए कि पार्टी के लिए सर्वस्व देने पर भी ना पार्टी में रहम दिखा ना पार्टी की मुखिया में।