लखनऊ, दीपक ठाकुर। बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया बहन मायावती ने खुद की पार्टी को और खुद को बेदाग साबित करने में जो नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निष्कासित करने का साहसिक कदम उठाया है वो उनके लिए आरोपों की सौगात ले कर आने वाला है ऐसा संकेत पार्टी से निष्कासित पार्टी के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी दे रहे हैं।
अपने निष्कासन पर ज़्यादा कुछ ना बोलते हुए फिलहाल उन्हों ने ये संदेश भेजा है कि अभी अभी वो लखनऊ से बाहर है और वापस आने पर सारी हक़ीक़त से मीडिया को रूबरू कराएंगे अब हक़ीक़त क्या निकल के आएगी ये लगभग सभी लोग भलीभांति जानते है कि जो आधार उनको पार्टी से निकाले जाने का बहन जी बता रही है वही अब उनके मत्थे पड़ने वाला है।
राजनीती में जब तक पार्टी में कोई भी रहता है तो पार्टी की नीतियों का और पार्टी की मुखिया का दिल खोल कर गुणगान करता है पर जैसे ही पार्टी से निष्कासन होता है तो सुर में बदलाव आ जाता है मानो इतने दिन पार्टी में रहना उनकी कोई भयंकर मजबूरी रही होगी।
अभी केजरीवाल और कपिल मिश्रा का यही प्रकरण जोर पकड़े हुआ था और अब बसपा में उठापटक और आरोप प्रत्यारोप के दौर का आगाज़ हो गया कमाल है जानते सब हैं बोलता कोई नही और जब बोलता है तो किसी को हजम नही होता यही होता आया है यही होता रहेगा।