लखनऊ, दीपक ठाकुर । उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से मतदान का पहला चरण शुरू हो रहा है यू पी की सत्ता पाने के लिए सभी दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है कोई गठबंधन के भरोसे जीत की आस लगाय बैठा है तो कोई केंद्र की योजनाओं को भुनाने की फिराक में बैठा है।
इन सबके बीच बहन मायावती ने इसबार के चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक पाने के लिए जो सुनियोजित तयारी की है वो कुछ हद तक सफल होते भी दिखाई दे रही है। बहुजन समाजवादी पार्टी ने इस बार पार्टी में मुस्लिम जाति के लोगों को दिल खोल कर टिकट दिया है सिर्फ मुस्लिम ही नहीं हर जाति के उम्मीदवार इस बार पार्टी ने उतारे है ताकि वोट कहीं से खिसक ना पाये।
उधर दूसरी तरफ सपा कांग्रेस गठबंधन से मुस्लिम मतदाता थोड़ा कन्फ्यूज़ दिखाई दे रहा था कि वोट करें तो किसको क्योंकि कई मुस्लिम संगठनों ने सपा सरकार पर आरोप लगाए की पार्टी ने वादा खिलाफी की है तो इस बार उनका वोट सपा को नहीं जायेगा वहीँ कांग्रेस के साथ सपा का मिलाप भी कितनो को रास नहीं आया अब बीजेपी ने कोई मुस्लिम उमीदवार ना उतार कर उनको थोड़ी पीड़ा दी है अब ऐसे में इन सबका फायदा अगर किसी को मिलता दिख रहा है तो वो है बहुजन समाजवादी पार्टी।
बहुजन समाजवादी पार्टी को मुस्लिम वोट एक तरफ़ा दिए जाने की बात होने लगी है अभी कुछ दिन पहले गरीब नवाज़ फाउंडेशन ने घोषणा की थी की वो बसपा को समर्थन करेंगे अब जामा मस्जिद के शाही इमाम ने भी साफ़ कर दिया की मुस्लिम वोट बसपा में जाये।
अब देखने वाली बात ये होगी की क्या शाही इमाम और फाउंडेशन की बात को मुस्लिम मतदाता मानेगा या वो अपने विवेक का इस्तेमाल कर वोट देगा अगर एलान पर यकीन किया जाये तो फिलहाल बसपा के सितारे बुलंद नज़र आ रहे हैं।