बहराइच :(अब्दुल अज़ीज़)NOI। बहराइच जनपद पूरी तरह बाढ़ के संकट में पूरी तरह घिर चुका है और हालात ये हो गये हैं कि आदमी को केवल अपनी जान की चिंता सता रही है ऐसे में लोगों के सभी आवश्यक काम काज परवान चढ़ गये लेकिन क्षेत्र के जरवल निवासी युवक सलमान जिसका बीती बुधवार की रात को महसी क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त इलाके के बौंडी निवासी याकूब की पुत्री शमाँ से होना तय था,कहा जाता है कि नियति के आगे किसी की नही चलती है और इसी बात को लेकर याकूब काफी परेशान था कि अब उसकी बेटी का हाथ कैसे पिले हो पाएंगे क्योंकि उसके घर जाने वाले सभी रास्ते बाढ़ के पानी में डूब चुके थे,मार्ग पर कमर के बराबर पानी चल रहा थे और याकूब सहित क्षेत्र के अधिकाँश लोग अपने घरों की छतों को अपना बसेरा बनाये हुये थे कि इसी बीच पूर्व से तय अपने प्रोग्राम के मुताबिक़ जनपद के जरवल कस्बा निवासी सलमान बारातियों को लेकर याकूब के घर दुल्हन ब्याहने पहुंच गया।गाँव से बाहर चारों ओर तीन तीन और चार चार फिट पानी देख सभी के हौसले पस्त हो चुके थे और उधर सलमान निकाह करने के लिये बेताब था।इसी बीच किसी तरह याकूब को सूचना दी गयी कि आपकी बेटी की बारात अपने निर्धारित कार्यक्रम और समय के आधार पर गाँव पहुंच गयी है।बेचैन और परेशान बेटी का बाप दौड़ा हुआ बरातियों के पास पहुंचा और उन्हें परिस्थितियों का हवाला देते हुये निकाह की रस्म की तारीख बाढ़ के बाद कर देने का प्रस्ताव रखा जिसे सलमान ने खारिज करते हुए शादी करने की जिद कर बैठा।परिणाम स्वरूप याकूब ने ट्रैकर ट्राली की व्यवस्था कर सभी बरातियों को उसी पानी में से ले जाते हुए एक अलग सुरक्षित स्थान पर बिठा दिया और दूल्हा सलमान को चार पाँच बरातियों के साथ ले जाकर अपने घर की छत पर सम्मान पूर्वक बिठा दिया जहां काजी को बुला कर लालटेन की रौशनी में शमाँ और सलमान का निकाह कराया गया।इस बीच लकड़ी पक्ष द्वारा बरातियों को हल्का फुल्का नाश्ता पानी कराकर इसी बाढ़ के पानी के बीच बिदा कर दिया गया,और इस तरह नियति भी शमाँ और सलमान की पवित्र भावनाओं को ठेस नही पहुंचा सकी।इस सम्बन्ध में याकूब ने बताया कि उसने अपनी बेटी की शादी के लिये सभी आवश्यक तैयारियां की थी लेकिन वह सारी की सारी तैयारियों पर इस बाढ़ ने पानी फेर दिया था जिसे लेकर वह काफी परेशान भी था।उन्होंने ये भी बताया कि वह धूम धाम के साथ शादी करना चाह रहा था लेकिन कुदरत को शायद वह सब मंजूर नही था और इस तरह उसकी बेटी की शादी की रस्म पूरी हो गयी।धूम धूम से शादी न निपट पाने का दर्द तो उसे रहेगा ही लेकिन इस बात से भी वह खुश था कि उसकी बेटी की शादी हो गयी और वह अपने एक फर्ज से अदा हो गया और इस तरह दिल वाले दुल्हनिया को लेकर अपने घर को चले गये।