लखनऊ। बिहार को छोड़कर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की अधिकांश राज्यों की इकाईयां बागी तेवर वाले नेता शरद यादव के साथ हैं। यह दावा सोमवार को जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव और गुजरात के प्रभारी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने लखनऊ में कही। उनके मुताबिक, बिहार के जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में 20 से ज्यादा विधायक शरद यादव के पक्ष में हैं। इन विधायकों के इस्तीफे के सवाल पर अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अभी विधायकों के इस्तीफे से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फायदा मिलेगा। ठीक समय पर शरद यादव के पक्ष के विधायक इस्तीफा देकर बिहार की नीतीश सरकार को गिरा देंगे।
17 को दिल्ली में ताकत दिखाएंगे शरद यादव
अरुण कुमार श्रीवास्तव ने लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि शरद यादव ने 17 अगस्त को दिल्ली में गैर भाजपाई दलों के नेताओं के साथ अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक के जरिए शरद यादव नीतीश को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। दिल्ली के बिट्ठल भाई पटेल सभागार में साक्षी विरासत संस्था के बैनर तले यह बैठक होगी, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ कांग्रेस, सीपीएम, सपा, बीएसपी और टीएमसी के बड़े नेता शिरकत करेंगे। कांग्रेस की ओर से बैठक में गुलाम नबी आजाद मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि 27 अगस्त को राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की ओर से महागठबंधन को लेकर बुलाई गई बैठक में भी वरिष्ठ नेता शरद यादव मौजूद रहेंगे।
नीतीश की बड़ी कार्रवाई, राज्यसभा में शरद की जेडीयू के नेता पद से छुट्टी
जनता दल (यू) ने राज्यसभा सदस्य शरद यादव को 12 अगस्त को राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उनकी जगह आरसीपी सिंह ने ली। यादव ने बिहार में भाजपा के साथ हाथ मिलाने के पार्टी के फैसले का विरोध किया था। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इससे पहले राज्यसभा के सांसदों ने सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की और उच्च सदन में सिंह को जदयू का नेता नियुक्त करने संबंधी पत्र उन्हें सौंपा। सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाते हैं। राज्यसभा में जदयू के 10 सदस्य हैं। इसके पहले पार्टी ने 11 अगस्त की रात अपने राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के कारण संसदीय दल से निलंबित कर दिया था। नीतीश कुमार और शरद यादव के बीच मतभेद तब सामने आए थे जब पिछले महीने नीतीश ने कांग्रेस और राजद के साथ संबंध खत्म कर बिहार में नई सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिए थे।