पटना: बिहार के अररिया जिले के सिमराहा थाना में गुरुवार को दिनदहाड़े एक आरजेडी नेता पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गयी है। इस गोलीवारी कि घटना में आरजेडी नेता बुरी तरह घायल हो गये हैं। वहीँ घटना के बाद क्षेत्र में तनाव बना हुआ है, वारदात के घंटों बाद भी पुलिस अपराधियों से मीलों दूर है।
बिहार में सुशासन बाबू का सुशासन कुछ इस कदर हावी हो रहा है कि दिन दहाड़े लोगों पर गोलियों की बौछार कर दी जा रही है। यह सुशासन बाबू का सुशासन ही है कि दिन दहाड़े कैश वैन से 45 लाख की लूट हो जाती है। ताजा मामला बिहार के अररिया जिले के सिमराहा का है जहाँ का सुशासन देखने लायक बनता है। यहाँ एक आरजेडी नेता सुरेश पासवान बाढ़ पीड़ितों का हाल चाल जान कर वापस लौट रहे थे कि इसी बीच सिमराहा के पास बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
फायरिंग में उन्हें कई गोलियां लगी, जिससे वह वहीँ गिर गये। पासवान को मरा जानकार अपराधी मौके से फरार हो गये।
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें फारबिसगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। आरजेडी नेता सुरेश पासवान दलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के साथ साथ रहिकपुर ठीलामोहन पंचायत के पूर्व मुखिया भी रह चुके हैं। वहीँ घटना के बाद सुशासन बाबू नीतीश कुमार की सुशासनिक पुलिस इस दिन दहाड़े गोलीवारी पर अभी भी खाली हाथ है।
सवाल उठता है कि सीएम नीतीश कुमार के आरजेडी के साथ सरकार में रहने के दौरान कोई भी घटना होने पर बीजेपी को जंगलराज-2 बोलने में बिलकुल समय नही लगता था, लेकिन अब सरकार में आने के बाद से सुशासन की परिभाषा भी बदल गयी है।
बिहार में पिछले एक महीनें में आम नागरिकों के साथ साथ चुन चुन कर आरजेडी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, और गजब की बात यह है कि अब कोई इसे जंगलराज पार्ट-2 कहता नजर नहीं आ रहा है। मालूम पड़ता है कि सरकार में आने के बाद बीजेपी की भी मति भंग हो गयी है। फिलहाल कुछ भी हो बिहार की भोलीभाली जनता के लिए तो दोनों ही सरकारों का सुशासन, डर, भय और अपराध का पर्याय बना है।