झांसी. न गुंडाराज, न भ्रष्टाचार के नारे के साथ प्रचंड बहुमत हासिल करके बनी बीजेपी सरकार व सीएम योगी की छवि को एक ही अपहरण कांड तार-तार करता नजर आ रहा है। खाकी वर्दीधारियों द्वारा किेए गए सर्राफा व्यापारी राजू कमरया समेत दो लोगों के अपहरण के मामले में पुलिस को अब तक किसी प्रकार के सुराग हाथ नहीं लगा है। इसको लेकर अपहृत के परिजनों खासे परेशान हैं और उधर, व्यापारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देर शाम स्वॉट टीम ने मध्य प्रदेश समेत अनेक स्थानों पर दबिश दी। इसमें पुलिस ने दो लोगों से पूछताछ शुरू की है।
सर्राफा कारोबारियों पर शक
शहर में रहने वाले कुछ सर्राफा व्यवसायी महाराष्ट्र समेत अन्य स्थानों पर सोना व चांदी का कारोबार करते हैं। शहर में बेचे जाने वाले माल को भी बाहर से मंगवाते हैं। इसको लेकर इस तरह का कारोबार करने वाले व्यापारियों में विवाद भी हो चुका है। मगर पुलिस द्वारा इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया है। पांच दिन गुजरने के बाद भी दोनों व्यापारियों का कुछ अता-पता नहीं है। सर्राफा बाजार में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। इसके लिए एसएसपी ने खुफिया विभाग की टीम को लगाया है।
घटना के कारणों को लेकर कयासबाजी का दौर
जानकार लोगों का कहना है कि झांसी के एक व्यापारी ने महाराष्ट्र से सात किलो सोना झांसी में बेचने के लिए मंगवाया था, मगर उक्त सोना महाराष्ट्र पुलिस ने जब्त कर लिया था। इसकी जानकारी सर्राफा व्यवसायी को लगी तो वह सोना को पकड़वाने वाले से रंजिश मानने लगा था। इसी बात को लेकर माल मंगवाने व माल जब्त करवाने वाले व्यवसाइयों में विवाद भी हुआ था। इस विवाद से ही उक्त अपहरणकांड को भी जोड़ा जा रहा है।
टीमें कर रही हैं कार्य
पुलिस अधीक्षक नगर देवेश कुमार पांडेय का कहना है कि जिन टीमों का गठन किया गया था, वह टीमें अपना कार्य कर रही हैं। महिला समेत अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है। जिन लोगों से राजू कमरया का जमीनी विवाद व सर्राफा कारोबार को लेकर झगड़ा चल रहा है, उन लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।