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Friday, January 17, 2025

​ब्रह्मचारणी स्वरूप के दर्शन से धन्य हुए भक्त,माँ के जयकारे से गूंज उठा मंदिर…

दीपकठाकुर, न्यूज वन इंडिया। नवरात्रि का दूसरा दिन तपस्या की महत्वता बताने का होता है।माँ दुर्गा का दूसरा दिन इसी तप को बखान करता है। क्या है दूसरे स्वरूप की शक्ति और क्यों दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारणी की स्तुति की जाती है।ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप करने वाली होता है कहा जाता है कि भगवान शिव को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए इन्होंने इसी रूप में कठिन तपस्या की थी जिस कारण इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाने लगा।जिनका स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य दिखता है।

लेकिन भव्यता में भी कितना मनमोहक दिखता है माँ ब्रह्मचारणी का स्वरूप इसकी झलक ठाकुर गंज स्थित माँ पूर्वी देवी मंदिर में दिखाई दी जहां माँ बादामी वस्त्र धारण किये होठों पे मंद मुस्कान के साथ विराजमान थी मंदिर समिति ने आज माँ का फूलों से विशेष श्रंगार भी किया था जो नैनो को सुख पहुंचाने में अहम भूमिका भी निभा रहा था।

माँ के ठीक सामने बैठे उनके भक्त भजन गा कर अपनी अर्जी लागाने में व्यस्त दिखाई दिये।महिला भक्तों ने चन्द्रा शर्मा और शिखा सोनकर के नेतृत्व में मनमोहक भेंटे सुनाई जिसकी आवाज़ से दूर दराज के लोग भी तालिया बजा कर माता के जयकारे लगाने को विवश हो गए।

कार्यक्रम आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार शुक्ला ने माँ के भव्य श्रगार से लेकर मंदिर परिसर की साज सज्जा की जानकारी देते हुए बताया कि माँ पूर्वी देवी मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भक्तों के उत्साह और माता रानी की कृपा से हर वो इंतज़ाम किये गए हैं जिससे किसी भक्त को किसी प्रकार का कष्ट ना हो और वो आसानी से माँ के दर्शन और प्रसाद प्राप्त कर सके।

पूर्वी देवी मंदिर में शाम 6:30 बजे से 8:30 बजे तक महिला समिति के सुंदर भजन और उसके बाद भव्य आरती का दर्शय ना सिर्फ आंखों को तृप्त करता है बल्कि इससे ह्र्दय भी प्रफुल्लित हो उठता है।ऐसा हम ही नही वहां उपस्थित सभी भक्त भी बता रहे है उनका कहना था कि इस मंदिर के आयोजन का उन्हें इंतज़ार रहता है खास तौर पर नवरात्रि पर्व का जिसमे माँ के साक्छात दर्शन का एहसास भी यही होता है।

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