उन्नाव. ब्लू व्हेल गेम ने उन्नाव में भी दस्तक दे दी। गेम के आखरी टास्क में फांसी पर लटक कर किशोर जान देने ही जा रहा था, इसी बीच फांसी पर लटक रहे किशोर को छोटे भाई ने देख लिया। उसने तत्काल उसे पैर पकड़ कर ऊपर उठा दिया, जिससे फांसी का फंदा ढीला हो गया, जिससे उसका भाई बच गया। उसने इस बात की जानकारी नीचे रह रहे परिजनों दी। आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे परिजनों ने किशोर को फांसी के फंदे से नीचे उतारा। इसी बीच मोहल्ले वाले भी इकट्ठा हो गए। आनन फानन में बेहोशी की हालत में किशोर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद कानपुर रिफर कर दिया है।
उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है, परंतु वह अपना सुध-बुध खो चुका है। वह लगातार टास्क पूरा करने की बात कर रहा है। प्रतिबंध के बावजूद बड़े पैमाने पर चल रहे इस खेल को बड़े पैमाने पर लोग खेल रहे हैं, जिसमें किशोरों की संख्या ज्यादा है। यह जानते हुए भी कि खेल का अंतिम चरण मौत है इसके बावजूद गेम को जिस प्रकार खेला जा रहा है। वह अपने आप में सवालिया निशान खड़ा करता है। प्रतिबंध के बाद भी यह गेम कैसे डाउनलोड करके छात्र खेल रहे हैं और हादसों का शिकार हो रहे हैं। यक्ष प्रश्न है। घायल किशोर पूरण नगर स्थित विद्यालय में इंटर का छात्र है।
अर्ध विक्षिप्त की स्थिति में चल रहा उपचार
मामला आवास विकास कॉलोनी निवासी संतोष अवस्थी का 17 वर्षीय पुत्र गोलू अवस्थी ब्लू व्हेल गेम के चक्कर में ऐसा पड़ा कि वह कुछ बोल बता भी नहीं पा रहा है। केवल इतना ही कह रहा है कि उसे टास्क पूरा करना है। गोलू अवस्थी के बड़े भाई छोटू ने बताया कि आज सुबह गोलू स्कूल नहीं जा रहा था। इस पर उसने पूछा कि स्कूल क्यों नहीं जा रहे हो उसने कहा कि सवा 9:00 बजे का स्कूल है। अभी निकल रहे हैं। इसके बाद ऊपर कमरे में चला गया। जहां उसने दुपट्टे से फांसी का फंदा बना लटक गया। इसी बीच छोटा भाई भी ऊपर पहुंच गया। जहां उसने गोलू को फंदे से लटका देखा। उसने तत्काल उसके पैरों को ऊपर उठा कर कंधे के जोड़ को ढीला किया। चिल्लाकर उन लोगों को बुलाया।
मौके पर पहुंचकर देखा तो उनके होश पख्ता हो गए। आनन फानन गोलू को फांसी के फंदे से नीचे उतारा गया और तत्काल जिला अस्पताल लेकर चले गए। जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद कानपुर हैलट रिफर कर दिया। छोटू ने बताया कि सुबह से वह गुमसुम दिखाई पड़ रहा था। लेकिन कुछ बता नहीं रहा था। उन्होंने बताया कि गोलू चार भाइयों में तीसरे स्थान पर है। पूरन नगर स्थित प्राइवेट स्कूल में वह इंटर का छात्र है। जबकि उनके पिताजी संतोष अवस्थी जूनियर हाई स्कूल में हेडमास्टर के रूप में कार्यरत है। जो सुबह ही घर से स्कूल के लिए निकल गए थे। गोलू के साथ हुई घटना की खबर सुनकर वह भी वापस आ गए। छोटू ने बताया कि गोलू की स्थिति अब खतरे से बाहर है। परंतु आउट ऑफ सेंस है। दिमागी तौर पर गोलू विक्षिप्त दिखाई पड़ रहा है। बार बार टास्क के पूरा करने की बात करता है। डॉक्टर ने बताया कि अभी चार दिनों तक गोलू को डॉक्टर के देखरेख में रखा जाएगा।