लखनऊ
लखनऊ में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश हज हाउस समिति कार्यालय की दीवार भगवा कलर से रंग दी गई थी लेकिन आनन-फानन में दीवार का रंग बदल दिया गया। इस पर एनबीटी ऑनलाइन ने यूपी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या से खास बातचीत की।
बता दें कि मंत्री मोहसिन रजा ने यूपी हज हाउस समिति कार्यालय की दीवारों का रंग भगवा कराए जाने के बाद कहा था, ‘इस तरह की चीजों पर विवाद पैदा करने की जरूरत नहीं है। केसरिया रंग ऊर्जा का प्रतीक है और चमकदार होने की वजह से इमारतों पर अच्छा लगता है। विपक्ष के पास हमारे खिलाफ कोई बड़ा मुद्दा नहीं है इसलिए वे अप्रासंगिक मुद्दे उठाते हैं।’
‘सरकारी संस्थाएं सार्वजनिक होती हैं’
यूपी हज हाउस समिति की बाउंड्रीवॉल की पुताई भगवा रंग से करा दी गई थी और फिर इसे बदल दिया गया इस सवाल पर मंत्री स्वामी प्रसाद ने कहा, ‘जो भी सरकारी संस्थाएं होती हैं वह किसी भी धर्म विशेष की नहीं होती हैं बल्कि सार्वजनिक होती हैं। व्यावहारिक रूप से भारतीय संविधान की यही मान्यता है इसलिए सरकारी ऑफिस हों, प्रतिष्ठान हों ये सभी के हैं।’
‘पार्टी का प्रतीक रंग नहीं होना चाहिए’
स्वामी प्रसाद ने कहा, ‘सरकारी प्रतिष्ठान सरकार के हैं मतलब सार्वजनिक हैं। कहीं किसी कार्यकर्ता ने भावना में आकर करा दिया होगा लेकिन सरकारी संस्थाओं की दीवारों पर किसी धर्म विशेष का प्रतीक या पार्टी का प्रतीक रंग नहीं होना चाहिए।’
जानिए ऊर्जा के प्रतीक ‘भगवा’ पर क्या बोले स्वामी?
वहीं जब स्वामी प्रसाद से यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा के ‘भगवा रंग से ऊर्जा मिलती है’ बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मोहसिन साहब की अपनी राय होगी। सरकार की कोई ऐसी मंशा नहीं होगी। सरकार भारतीय संविधान की भावनाओं का सम्मान करते हुए सभी के साथ समान रूप से न्याय करती है, काम करती है। यहां तक कि बीजेपी का नारा भी है कि सबका साथ, सबका विकास इसलिए किसी पार्टी विशेष या धर्म विशेष का रंग देकर उस स्वरूप को नष्ट नहीं किया जा सकता है।’