यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दूसरे चरण के चुनाव प्रचार का समापन शुक्रवार की शाम राजधानी में किया। कन्वेंशन सेंटर में व्यापारी संवाद एवं सम्मान कार्यक्रम में कानून-व्यवस्था में सुधार के दावों के जरिए उन्होंने व्यापारियों को रिझाया। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी की परम्परा को कायम रखते हुए कपूरथला में लखनऊ के प्रचार अभियान को पूरा किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि भर्तियों को धंधा बनाने वालों की संपत्ति जब्त कर जनता में बांट दी जाएगी।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपनी सक्रियता के दौरान निकाय चुनाव की आखिरी सभा कपूरथला में ही करते थे। सीएम योगी भी उन्हीं के पदचिह्नों पर चले। कपूरथला में नौजवानों का आह्वान करते हुए कहा कि अगले महीने पुलिस में सिपाही और दरोगा की 50 हजार भर्तियां आ रही हैं। इस दौरान चेहरा या मजहब नहीं मेरिट के आधार पर भर्ती होगी। अगर किसी ने भर्तियों को धंधा बनाया तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। सीएम ने कहा कि हम नगरीय बोर्डों को अधिकारसंपन्न और सक्षम बनाएंगे जिनसे उनकी आय बढ़ सके और वह जनता को बेहतर सुविधाएं दे सकें।
व्यापारियों की हर समस्या हल होगी
इससे पहले कन्वेंशन सेंटर में सीएम ने व्यापारियों को सरकार के काम गिनाए। उन्होंने कहा कि संयुक्ता भाटिया के मेयर बनने से व्यापारियों का गौरव बढ़ेगा। सीएम बोले कि कैराना से पलायन करने वालों में 90 फीसदी व्यापारी थे। हम उन्हें वापस लेकर आए। हां, इस दौरान एक अच्छी बात रही कि अब गुंडा-माफिया पलायन कर गए हैं। योगी ने कहा कि व्यापारियों की दिक्कतों को सुनने और समाधान के लिए डेप्युटी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रचार के अंतिम दिन अलग-अलग हुए कार्यक्रमों में कैबिनेट मंत्री गोपाल टंडन, कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, पूर्व सांसद लालजी टंडन, प्रदेश महामंत्री अशोक कटारिया, प्रदेश मंत्री गोविंद नारायण शुक्ल, प्रदेश संपर्क प्रमुख मनीष दीक्षित, विधायक नीरज बोरा, महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा के साथ ही व्यापारी नेताओं में संजय गुप्ता, अमरनाथ मिश्रा, जेसी गुप्ता, अमित अग्रवाल, नानक चंद लखमानी, अशोक मोतियानी इकबाल महमूद, कविता अग्रवाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
...जब नाराज हुए लालजी टंडन
कपूरथला पर आयोजित सभा में पूर्व सांसद लालजी टंडन का नारों के चलते बोलना मुश्किल हो गया। अटल जी से जुड़े निकाय चुनावों के संस्मरण बताते हुए कहा कि कैसे वह एक शब्द से चुनाव बदल देते थे। हालांकि इसी दौरान जनता योगी-योगी के नारे लगाने लगी। शोर के कारण पूर्व सांसद का बोलना तक मुश्किल हो गया। इससे नाराज होकर उन्होंने कहा कि इन बातों में आपकी रुचि नहीं है तो मैं चुप हो जाता हूं। हालांकि, योगी ने अपने संबोधन में उन्हें पार्टी का संरक्षक और मार्गदर्शक बताकर स्थिति संभाली।