भोपाल / मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कई दशकों से कभी हारे बगैर लगातार विधायक बनते आ रहे भाजपा के कद्दावर नेता बाबूलाल गौर ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है जिससे उनकी अपनी पार्टी भाजपा और उनकी सरकार तो परेशानी में घिर ही गई, स्वयं सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने संकट उत्पन्न समझा जा रहा है, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की बांछें खिल गईं, अगला आम चुनाव जीतने की उम्मीदें बढ़ गईं.
बता दें कि गौर ने दो दिन पहले सतना में साफ शब्दों में कहा था – प्रदेश सरकार से जनता का विश्वास उठ चुका है, जनता भावांतर योजना में फंस चुकी है, इसलिए 2018 में बीजेपी की नहीं कांग्रेस की सरकार बनेगी.
गौर ने हाल ही में हुए चित्रकूट उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार की चर्चा करते हुए यह भी कहा कि कोलारस और मुंगावली उपचुनाव भी भाजपा निश्चित हारेगी. ज्ञात हो कोलारस और मुंगावली विस क्षेत्रों में उपचुनाव प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी है.
उधर लगातार उपचुनाव में हार का सामना करने वाले सत्ताधारी दल भाजपा के सीएम शिवराज सिंह चौहान जो अब तक अपनी दम पर चुनाव जिताने का दम भरते थे, उन्होंने शायद आशंकित हार की जिम्मेदारी से बचने के लिए कोलारस एवं मुगावली में होने जा रहे उपचुनावों का सारा जिम्मा स्थानीय नेताओं पर डाल दिया है. याद हो कि चित्रकूट से पहले अटेर में भी उनको हार का सामना करना पड़ा था.
जबकि स्वयं सीएम शिवराज सिंह ने कई सभाऐं ली थीं. गौर के बयान की सटीकता इससे भी समझी जा सकती है कि चित्रकूट चुनाव के दौरान सीएम चौहान ने जिन गांवों का दौरा किया उन सभी गांवों नें भाजपा को बुरी तरह नकार दिया. उन गांवों में तो फिरभी गनीमत रही जिनमें सीएम व प्रदेश भाजपाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान न पहुंचे.
कोलारस चुनाव के बारे में सीएम ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि, नेताओं के बीच बूथ का बंटवारा किया जाए और जिस बूथ से भाजपा चुनाव हार गई, उसके प्रभारी नेता का पत्ता कट. सीएम शिवराज सिंह ने यह भी तय किया कि वो इन दोनों चुनावों में सभाएं कम करेंगे.
ऐसा प्रतीत होता है कि, लगातार मिल रही हार से सीएम चौहान को भी गौर के बयान का सच समझ में आ गया है और वे अगली आशंकित हार की जिम्मेदारी दूसरे नेताओं पर थोपना चाहते हैं.
पता लगा है कि सीएम ने साफ कहा कि चुनाव में हमें सबसे ज्यादा बूथ और सेक्टर पर फोकस रखना है.
सीएम ने यह भी कहा कि नेताओं को बूथ की जिम्मेदारी दी जाए और वहां मिले मतों के आधार पर ही उनके काम का आंकलन किया जाएगा. बैठक में प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत, कोलारस के प्रभारी रामेश्वर शर्मा, मुंगावली के प्रभारी अरविंद भदौरिया के अलावा कोलारस और मुंगावली क्षेत्र के प्रमुख नेताओं को भोपाल बुलाया गया था. बैठक में सीएम ने कहा कि विकास को लेकर हम फिर चुनाव मैदान में जाएंगे. बैठक में यह भी तय किया गया कि इस बार बैठकों पर ज्यादा जोर होगा और चुनावी सभाएं कम से कम आयोजित की जाएंगी.
सीएम ने कहा कि बूथ पर काम करने वाले प्रभारी का कद अब उसके काम से ही तय किया जाएगा.
उपचुनावों के लिए गठित मंत्रियों और संगठन नेताओं की टीम 24 नवंबर को फिर से कोलारस में क्षेत्र के नेताओं के साथ बैठक करेंगी. कोलारस में संगठन की तरफ से उपचुनाव का काम देख रहे प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने बताया कि इस बैठक में मंत्री रुस्तम सिंह, उमाशंकर गुप्ता और विश्वास सारंग के अलावा कई अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे. इसी तरह मुंगावली में बैठक 25 को होगी. कहा जा रहा है कि हार की संभावनाओं को देखते हुए दोनों विधानसभाओं में भाजपा को दमदार प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं.
अब तक उपचुनावों में सीएम हाउस से प्रत्याशी तय किए जाते थे परंतु इस बार बैठक में बताया गया कि पार्टी संगठन से मिले संभावित नामों को लेकर क्षेत्र में सर्वे कराया जा रहा है. इस सर्वे के नतीजे जल्द ही आने वाले हैं. सर्वे में जिनके नाम टाप प्रायरटी पर आएंगे, उन नामों को लेकर एक बार फिर विचार-विमर्श किया जाएगा. इसके बाद ही टिकट का फैसला किया जाएगा.