मुरादाबाद। हालिया पंचायत उपचुनाव ने भाजपा के भीतर चल रही गुटबाजी को सतह पर ला दिया है, जिसमें न सिर्फ योगी के कद्दावर मंत्री के भतीजे को पटखनी खानी पड़ी है, बल्कि खुद सांसद समर्थित उम्मीदवार भी इस सियासी अहम में धड़ाम हो गया। सबसे ज्यादा चर्चा कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के भतीजे अनुज चौहान की बीडीसी मेंबर उपचुनाव में हार को लेकर है, क्योंकि भाजपा का एक गुट उन्हें मूंडापाण्डेय ब्लाॅक का प्रमुख बनवाना चाहता है। वहीं इस हार से मंत्री के कद को लेकर भी अटकलबाजी शुरू हो गई है। उधर ब्रिजघाट में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों में आए राज्यमंत्री भूपेंद्र सिंह ने किसी भी गुटबाजी से इनकार किया है।
दरअसल, सूबे में सत्ता पर काबिज होने के बाद भाजपा नेताओं की नजरें अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाॅक प्रमुख पर टिक गई हैं। इसी तर्ज पर मूंडापाण्डेय में सपा समर्थित ब्लाॅक प्रमुख शमा परवीन के खिलाफ भाजपा नेता रामवीर सिंह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये, लेकिन सपा नेता और कुंदरकी विधायक हाजी रिजवान ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही शमा परवीन का इस्तीफा दिलवाकर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। इसमें भाजपा के एक खेमे की भी सहमती बताई जा रही है। इसी तर्ज पर रामवीर सिंह के प्रत्याशी ललित कौशिक के खिलाफ खड़ा करने के इरादे से ही दूसरा खेमा सपा के साथ मिलकर कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के भतीजे अनुज चौहान को लेकर आया, लेकिन वे वार्ड 87 से हार गए।
उपचुनाव के नतीजे किसी से छुपे नहीं हैं
यही नहीं कुछ ऐसी ही लड़ाई जिला पंचायत सदस्य ठाकुरद्वारा में भी देखने को मिली, जिसमें सांसद सर्वेश सिंह समर्थित भाजपा उम्मीदवार मिथलेश जीत गईं और कुछ यही हाल सदर ब्लाॅक में भी रहा, जिसमें भाजपा नेता उत्तम पाल की पत्नी सुहागा देवी भी बीडीसी सदस्य चुनाव हार गईं। वहीं, स्थानीय भाजपा नेता किसी भी गुटबाजी से इनकार कर रहे हैं, लेकिन पंचायत उपचुनाव में जो नतीजी आए वो अब किसी से छुपे नहीं हैं।