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Thursday, September 12, 2024

​भाजपा सांसद ने पूछा, मैं बीजेपी में हूं या आरएसएस में ?

              भाजपा सांसद उदित राज।
नई दिल्ली। दिल्ली के बवाना विधानसभा क्षेत्र में 23 अगस्त को उपचुनाव है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच मुकाबला रोचक है। उत्तर पश्चिम दिल्ली से बीजेपी सांसद उदित राज बवाना में बीजेपी उम्मीदवार को चुनाव जिताने में लगे हुए हैं। बवाना उपचुनाव व दिल्ली में जारी केजरीवाल सरकार बनाम मोदी सरकार की लड़ाई सहित कई मुद्दों पर ईनाडु इंडिया ने उदित राज से बात की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश।

सवाल : बवाना उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी कमर कस चुकी है। बीजेपी की ओर से क्या रणनीति तैयार की गई है?

जवाब : आप पहले हमारी पार्टी और साथ ही मेरे काम की तुलना कर लें। फिर तय करें कि कौन चुनाव जीतेगा। जनता आम आदमी पार्टी को अच्छा जवाब देगी। वे ना तो राजौरी गार्डन और न ही एमसीडी चुनाव हार रहे थे, लेकिन उन्हें जनता ने नकार दिया। एक बार फिर से उनका राजौरी गार्डन वाला ही हाल होने वाला है। वहां का वोट हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का वोट है। इसलिए हमें कोई चिंता नहीं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो भी कहते हैं, उसे कभी पूरा नहीं करते। उन्होंने दिल्ली की जनता से तमाम वादे किए थे, पर उन्हें आजतक पूरा नहीं किया। मुझे तो किसी भी क्षेत्र में विकास नज़र नहीं आता। मेरे क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की ओर से मुझे आजतक न के बराबर मदद मिली है। केजरीवाल अपनी ज़िम्मेदारी से बचते हैं और सारा दोष केंद्र पर मढ़ देते हैं। केजरीवाल ने इसे ही अब अपनी पॉलिसी बना ली है।

सवाल : दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग की कार्यशैली को लेकर आपने नाराज़गी जताई थी?

जवाब : हां, जताई थी। नजीब जंग के कार्यों को लेकर मैं बहुत असंतुष्ट था। वे अपने अस्तित्व को बचाने में लगे रहते थे। केवल झगड़ा दिखाना उनका काम था। दिल्ली के विकास कार्यों को लेकर उनसे मिलना मुश्किल था। उन्हें एलजी क्या बना दिया था, वे खुद को राजा-महाराजा समझने लगे थे। कई बार उनसे मैंने उनका मोबाईल नंबर मांगा, तो नहीं मिला। क्या दिल्ली के सात सांसदों से मोबाइल पर बात करना उनके लिए इतना मुश्किल था? सांसदों के पास भी टाइम नहीं है कि वे बार-बार एलजी को फ़ोन करते रहेंगे। उन्होंने मुझसे कहा कि लैंडलाइन पर फ़ोन करें। अगर ऐसा ही है, तो सरकार का फ़ोन उन्होंने क्यों ले रखा था? किस बात के लिए सरकारी फ़ोन लिया था? कभी जरूरत पड़ी, तो कहां फ़ोन करते सांसद? उनसे जब मेरा आमना-सामना हुआ, तो मैंने कह दिया कि आपकी कार्य प्रणाली ठीक नहीं है, लेकिन यह उनकी आदत बन चुकी थी।

सवाल : कहा जाता है कि आपकी विचारधारा आरएसएस की विचारधारा के साथ फिट नहीं बैठती?

जवाब : आप पहले बताइए कि मैं बीजेपी में हूं या आरएसएस में? मैंने दे दिया अपना जवाब। मैं बीजेपी में हूं।

सवाल : आप बीजेपी के दलित चेहरे हैं। आपको मंत्री नहीं बनाया गया। कोई बड़ी जिम्मेवारी नहीं दी गई?

जवाब : यह नेतृत्व के हाथ में है। जिस दिन नेतृत्व को लगेगा कि मुझे ज़िम्मेदारी दी जानी चाहिए, उस दिन वे दे देंगे। असल में यह सवाल मेरे से संबंधित नहीं है, इसलिए इसकी जिम्मेदारी नेतृत्व पर ही छोड़ देनी चाहिए।

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