लखनऊ, दीपक ठाकुर। बुक्कल नवाब के मुह से भाजपा की तारीफ सुनकर आप भी चौक गए होंगे कि यही बुक्कल नवाब जो कल तक भाजपा को सांप्रदायिक पार्टी कह के संबोधित करते थे आज उन्हें ये पार्टी ज़मीन से जुड़ी क्यों दिखाई देने लगी तो जनाब वो हुआ कुछ ऐसा के नवाब साहब ने अपनी बैतरणी पार करने के लिए भाजपा रूपी नाव की सवारी कर ली है सुलझे शब्दों में आप ये जान लीजिए कि जो कयास लागय जा रहे थे बुक्कल नवाब को लेकर वो सही निकला और नवाब साहब साईकिल छोड़ कर फूल खिलाने पहुंच गए हैं।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या की मौजूदगी में बुक्कल नवाब सहित सभी बागी एमएलसी भाजपा की शरण मे आ गए भाजपा में आने के बाद स्वभाविक था कि उनके बोल भी बदलेंगे और वही हुआ भी खैर राजनीती में ये सब आम बात है यहां ना कोई किसी का दोस्त होता है ना दुश्मन सभी अपना फायदा तलाशने की होड़ में लगे रहते हैं और मौका पड़ने पर मुखोटा बदल लेते हैं।
वैसे एक बात ध्यान देने वाली ये भी है कि बुक्कल नवाब की जो परेशानी थी वो ज़मीन को लेकर ही थी जिसपर भाजपा सरकार की टेढ़ी नज़र भी थी पर भैया गिव एन टेक का फार्मूला बुक्कल जी ने भी आज़मा लिया एक कुर्सी दे कर दूसरी ले ली तो अब कहने में कोई गुरेज नही होना चाहिए कि बुक्कल नवाब अब सेफ ज़ोन में आ गए हैं उनके चेहरे की मुस्कुराहट तो यही बयान कर रही थी जब भाजपा रंग उनपर चढ़ रहा था तब।