लखनऊ, दीपक ठाकुर। चैंपियन्स ट्राफी में भारत की श्रीलंका से हार उनकी बेहतरीन बल्लेबाज़ी की वजह से कम भारतीय गेंदबाज़ी की वजह से ज़्यादा पुख्ता हुई। 321 रन केे बाद खुद को सुपर से ऊपर समझने की गलती जो भारत के गेंदबाज़ों ने की उससे खेल प्रेमी निराश हो गए।
पूरे मैच में किसी वक़्त भी ऐसा नही लगा कि हमारे नियमित गेंदबाज गेंदबाज़ी कर रहे हैं उमेश यादव भवनेश्वर कुमार बुमरा सभी ऐसी गेंद डाल रहे थे मानो भारतीय बल्लेबाजों ने 3021 रन का लक्ष्य रखा हो जो बन ही नही सकता जेसी मर्ज़ी बस गेंद फेंकते जाओ।
श्रीलंका ने अपने तीन विकेट खोए जिसमे से दो रन आऊट हुए तो आप ही बताइये ऐसी स्थिति में गेंदबाज़ों को सम्मान देना कहाँ तक उचित रहता जो कोई भी गेंद विकेट पे देने के बजाए शार्ट पिच करा कर जैसे मर्ज़ी वैसे मारने की आज़ादी दे रहे हो।
कमाल है हम 5 गेंदबाज ले कर उतरते हैं और उन्हीं की वजह से हार भी जाते हैं अश्विन को बैठा कर रखते हैं युवराज की जगह कोहली खुद बॉलिंग करते हैं तो कैसे जीतोगे भाई कोहली भैया पाकिस्तान को हरा कर देश का नाम ऊंचा किया तो इसका मतलब ये नही की आप क्रिकेट सम्राट हो गए अरे अपने गेंदबाज़ों को समझाते की कैसे गेंद डालनी है वो काम आपने एक बार भी नही किया अगर कुछ किया तो उन क्रिकेट प्रेमियों का मूड खराब किया जो 3 बजे से रात के 11 बजे तक मैच देखता रहा।