लखनऊ,दीपक ठाकुर।150 रन से ऊपर की बढ़त भार के काम आ जाती अगर गेंदबाज़ी में अश्विन की फिरकी भी जडेजा की फिरकी के साथ कुछ पेंग बढ़ा लेती मगर अफ़सोस इस मैच में आर अश्विन की फिरकी का जादू गायब ही रहा नतीजा जडेजा की बेहतरीन गेंदबाज़ी भी मैच जीत ना दिला सकी उसकी मेहनत पर ड्रा नाम का पानी फिर गया।
तीसरे टेस्ट के आखरी दिन भारत जीत से महज़ आठ विकेट दूर था दूसरी पारी में जल्द ही यानी चौथे दिन के आखरी पल में रविंद्र जडेजा ने दो खिलाडियों को पवेलियन भेज जीत की राह दिखाई थी उसी तरह अंतिम दिन भी जडेजा ने बेहतरीन गेंदबाज़ी कर कप्तान स्मिथ को पवेलियन भेज दिया उस वक़्त लंच से पहले चार खिलाडी पवेलियन जा चुके थे तब लगा कि अब जल्दी ही ये मैच भारत की झोली में आ गिरेगा और सिरीज़ में भारत दो एक की बढ़त बनाने में कामयाब हो जायेगा मगर पाँचवे विकेट की शतकीय साझेदारी ने भारतीय टीम के सपने को चकना चूर कर दिया और भारत मात्र चार विकेट ना ले पाने का खामियाजा उठाकर मैच ड्रा कर पाया।
आखरी दिन जडेजा ने चार अश्विन ने एक और इशांत शर्मा ने भी एक विकेट ही हासिल किया जो मैच ड्रा होने का कारण बना। तीसरे टेस्ट में रविंद्र जडेजा की धार दार गेंदबाज़ी और पुजारा का दोहरा शतक यादगार रहा वही विकेटकीपर साहा की शतकीय पारी भारत को बढ़त दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुई पर अफ़सोस की पहली इनिंग में मिली बढ़त को भारतीय गेंदबाज जीत में ना बदल सके। मैच में जडेजा ने कुल 9 विकेट ले कर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया वहीँ बाकियों ने निराश किया।
अब अंतिम टेस्ट में भारत की ओर से बदलाव भी देखने को मिल सकता है उम्मीद है कि कप्तान इस आखरी मैच में संतुलित टीम ले कर उतरेंगे साथ ही जो अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहे उनको बेंच पर बिठा कर मैच जिताऊ खिलाडियों को मौका देंगे।