जिलेके चुलियाना गांव के नजदीक शुक्रवार अलसुबह 4 बजकर 26 मिनट पर बने भूकंप के केंद्र ने पूरे प्रदेश और दिल्ली तक को हिला दिया। सांपला क्षेत्र में धरती से 22 किलोमीटर की गहराई पर हलचल मापी गई। एनसीआर जोन में सामान्य हल्के भूकंप के झटके तो महसूस किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार इसकी तीव्रता लगभग 5.1 मैग्नीट्यूड मापी गई। भूकंप के तेज झटके की वजह से लोग घरों से बाहर निकल आए। पीजीआई में भी मरीजों में भगदड़ मच गई। वहीं, सुबह 8 बजकर 13 मिनट पर भूकंप का दूसरा हल्का झटका आया। इसकी तीव्रता 3.2 ही आंकी गई है। हालांकि यह धरती से 10 किलोमीटर की गहराई पर ही पाया गया है। भूगर्भ वैज्ञानिक इसे लोकल भूकंप का नाम दे रहे हैं। वहीं, तीन से चार दिन तक झटके आने की संभावना जताई जा रही है।
छतका प्लास्टर गिरा, बची जान : गांधीकैंप में चार वार्ड मंदिर के पास सामने वाली गली में रहने वाले बालकिशन ने बताया कि रात को आए भूकंप से पूरे घर में दरारें गई हैं और जब सुबह सवा आठ बजे पानी भरने के लिए उठा तो पता चला कि छत का प्लास्टर भी दूसरे भूकंप में गिर गया। बाल-बाल बचने का अहसास अब तक हो रहा है। इससे चोट लग सकती थी। वहीं मकान के कई हिस्सों में दरारें भी आई हैं। वहीं, डीएलएफ कॉलोनी निवासी भारत ने बताया कि रात को आए भूकंप से उनके मकान में कई जगह दरारें गई हैं। छत, फर्श और दीवारों में जगह-जगह दरारें बनी हैं। गर्मी की छुट्टियों में घर पर 11 साल का भांजा केशव भी आया हुआ है। वह घर में सोया हुआ था तो उसे भी छत से टुकड़ा गिरकर लगा है।
सलारामोहल्ला के मकान में भी आई दरार : जिलेमें आए भूकंप के चलते सलारा मोहल्ला में एक मकान में भी दरारें अाई हैं। इसके चलते लोगों में दहशत बनी हुई है। मकान मालिक ओमप्रकाश ने बताया कि गैलरी से लेकर अंदर तक मकान के हिस्से में जगह-जगह दरारें आई हुई हैं। वे रात को जब सोए हुए थे तभी भूंकप आया। इमारत हिलने पर वे बाहर की ओर भाग पड़े। मकान में दरारे आने से अब ज्यादा खतरा बना हुआ है।
तिरछाहो गया मकान : पालिकाकॉलोनी निवासी महेंद्र सिंह ने कहा कि पूरा परिवार मकान मेें अंदर सोया था, जैसे ही भूकंप आया तो पूरी तरह से इमारत कांपने लगी। इसके तुरंत बाद मकान में बड़ी और गहरी दरारें नजर आई। इन दरारों को देखने से ही भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है। मकान तिरछा हो गया है। दरवाजे फर्श में अब लगने लगे हैं।
डर के मारे तीसरी मंजिल से कूद गया आजम
गांधीकैंप क्षेत्र में छत पर सो रहा 18 वर्षीय आजम तीसरी मंजिल की छत पर सोया हुआ था। जैसे ही भूकंप आया तो डर के मारे वह छत से नीचे कूद गया। उसे पैर में चोट भी आई है और अंदरूनी चोट भी लगी है। बाद में अन्य लोगों की मदद से उसका इलाज करवाया गया।
एनसीआर में 7 फाल्ट जोन
^एनसीआरऔर प्रदेश में हालांकि अब तक ज्यादा तीव्रता के भूकंप नहीं आते हैं। हालांकि अब एनसीआर के क्षेत्र में सोहना, अरावली, मुरादाबाद, सोनीपत, रोहतक, दिल्ली हरिद्वार रिज फाल्ट लाइन है। इस क्षेत्र में जमीन के नीचे चट्टानों के बीच अंतर हैं। जब भूजल निकाला जाता है तो इससे भी स्पेस बन जाता है और चट्टानें अपनी जगह छोड़ देती हैं। फिलहाल आए भूकंप को लोकल भूकंप के नाम से ही जाना जाता है। इतिहास भी रहा है कि ये 4 से 6 रिएक्टर स्केल पर ही आते हैं। खैर, एनसीआर में सात फाल्ट लाइन है जो कि बेहद संवेदनशील जोन है। -प्रो. महताब सिंह, इंचार्ज, जियो इंफोर्मेटिक्स विंग, एमडीयू।
शीशा टूटकर गिरा तो नींद खुली, पूरा मकान हिल रहा था
काठमंडीनिवासी सूरजभान जांगड़ा ने बताया कि परिवार के सदस्य छत पर सो रहे थे। प|ी और बच्चे चौबारे में थे और मैं बाहर था। 4 बजकर 25 मिनट पर जैसे ही भूकंप आया तो अंदर सोते समय स्लैब से शीशा बच्चों के ऊपर गिर गया और टूट गया। इससे बच्चे डर के मारे उठ गए और पूरे मकान को हिलता देखकर छोटी बेटी हिमांशी बाहर आकर मुझे जगाने लगी। इसके बाद हम सभी चौबारे से उतरकर गली में भागे। मेरे साथ जुड़ा मकान भी दूसरे मकान से अलग हो गया। पूरी छत और मकान में भी दरारें गई हैं। वहीं सुबह सवा आठ बजे आए भूकंप से मकान के ऊपर का छज्जा भी गिर गया।
रोहतक. शुक्रवारसुबह आए भूकंप से कांठ मंडी स्थित सूरजभान जांगड़ा के घर का गिरा छज्जा घर में आई दरारें।
भूकंप से डीएलएफ काॅलोनी निवासी केशव को पत्थर से लगी चोट के निशान दिखाती नीलम गिरधर।