भोले के भक्त महाशिवरात्रि की तैयारी में कोई कमी नहीं रखते हैं. उनकी पूजा में किसी भी तरह की चूक या भूल नहीं होने देते हैं. महादेव को प्रसन्न करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं. लेकिन कभी-कभी गलती से पूजा के समय ऐसी चीजें अर्पित कर देते हैं, जो उन्हें नाराज कर सकती हैं. इसलिए शिवलिंग पर इन चीजों को नहीं चढ़ाना चाहिए.
February 13, 2018-चम्पा के फूल भगवान शिव को चढ़ाने के लिए मना किया गया है. शिव की पूजा में केतकी का फूल भी नहीं चढ़ाया जाता. एक बार ब्रह्मा और विष्णु के विवाद में झूठ बोलने के कारण केतकी के फूल को भगवान शिव ने शाप दिया था, इसलिए उनकी पूजा में केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता.
-शिव को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के फूल प्रिय नहीं हैं. शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है.
-बैरागी भोलेनाथ को सौंदर्य से जुड़ी वस्तुएं पसंद नहीं हैं. इसलिए उनकी पूजा में भूलकर भी हल्दी न शामिल करें.
-तुलसी का पत्ता भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने जालंधर नामक राक्षस का वध किया था और जालंधर की पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी. इसलिए वृंदा ने भगवान शिव की पूजा में तुलसी के प्रयोग वर्जित है.
-हर पूजा में नारियल का प्रयोग किया जाता है. लेकिन भगवान शिव की पूजा में नारियल प्रयोग नहीं किया जाता है. नारियल को लक्ष्मी का रूप माना गया है, इसलिए भगवान शिव को छोड़कर सभी शुभ कार्यों में नारियल का प्रयोग होता है.
-भगवान शिव पर चढ़ाने के लिए सदैव कच्चे दूध का प्रयोग करना चाहिए. लेकिन हर मंदिर में पैकेट वाला दूध चढ़ाया जाता हैय यह दूध उबला होता है. -इसलिए बेहतर है कि केवल जल या फिर गंगाजल से जलाभिषेक करें.-
-कुमकुम और सिंदूर भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए. सुहागिन महिलाएं माता पार्वती को सिंदूर या कुमकुम चढ़ा सकती हैं.
-केवड़ा या फिर किसी भी प्रकार के इत्र का प्रयोग न करें.
-शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए. शिवपुराण के अनुसार भोलेनाथ ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था. शंख से विष्णुजी और लक्ष्मीजी का पूजन करते हैं.