सीतापुर-अनूप पाण्डेय,नितेश बाजपेयी:NOI।
उत्तर प्रदेश के योगी सरकार द्वारा भृष्टाचार मुक्त करने के लिए इस मिशन को जन जन तक पहुँचाने का काम जहाँ पार्टी के जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जा रहा है। वहीं कुछ जिम्मेदारों ने इस मत्वाकाँक्षी मिशन को पलीता लगाने से भी गुरेज नही करते है। ज्ञात हो रेउसा बिकास खण्ड क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना की हेराफेरी करने के आरोप में कई ग्राम सभाओं के प्रधानो पर गाज गिर चुकी है। पर इसका असर अभी भी कुछ बेखौफ प्रधानो पर नहीं हो रहा है।ऐसा ही एक ताजा तरीन मामला संज्ञान में आया है। जानकारी के अनुसार रेउसा बिकास खण्ड क्षेत्र के ग्राम सभा नसीरपुर देवरिया के मजरे महंतपुरवा निवासी छेद्दू पुत्र बद्री के नाम आवंटित प्रधानमंत्री आवास को ग्राम प्रधान ने फर्जी कागजातें तैयार कर पात्र दलित लाभार्थी का आवास उपरोक्त निवासी दूसरे छेद्दू पुत्र नन्कऊ के नाम आवंटित कर प्रथम किस्त की धनराशि भी फर्जी खाते से निकलवा दिए। लम्बे समय तक पात्र लाभार्थी द्वारा आवास आने का इन्तजार किया जाता रहा। किन्तु सूची में नाम होने के बावजूद भी आवास न मिलने पर जानकारी किए जाने पर आवास की प्रथम किस्त कि धनराशि खाते में जाना बताया गया। लाभार्थी जब आवास निर्माण की सामग्री खरीदने के लिए बैंक से धनराशि ट्रांसफर कराने गए तो। बैंक कर्मियों ने खाते में बैलेंस न होने की बात कही तो। परेशान लाभार्थी ने खोज बीन सुरु कर दी तब जानकारी हुई। उपरोक्त निवासी छेद्दू पुत्र बद्री का आवास छेद्दू पुत्र नन्हकऊ को फर्जी कागजों पर दिया गया है। जिसके चलते लाभार्थी ने ग्राम प्रधान पर बीस हजार रुपए का शुविधा शुल्क लेकर आवास बेंचने के आरोप में जिलाधिकारी सीतापुर को सिकायती पत्र देकर जांचोपरान्त उचित कार्यवाही की गुहार लगाया है। इस गम्भीर प्रकरण में जब ग्राम प्रधान पूरनलाल भारती से पक्ष जाना गया तो उन्होंने सिकायत कर्ता को अपात्र बताकर पल्ला झाड़ लिए।