लखनऊ, दीपक ठाकुर। मध्यप्रदेश में बीते कुछ दिनों से जो हिंसक घटनाएं हो रही है वो हम सभी के लिए चिंता का सबब बनी हुई है वहां के किसान कर्ज माफी को लेकर सरकार से गुहार कर रहा है पर तरीका बेहद खतरनाक नज़र आ रहा है वैसे तो इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कई बातें भी सामने आ रही जिनसे किसानों के इस हिंसक आंदोलन के पीछे राजनैतिक षड्यंत्र भी सामने आ रहा है आशंका ये भी जताई जा रही है कि हिंसा करने वाले किसान नही है ना ही उनका किसानों की समस्या से कोई लेना देना है पर वहां की मौजूदा स्थिति बेहद संवेदन शील है जो मुख्यमंत्री के उपवास की मुख्य वजह भी बनी है।
आपको बता दें कि मंदसौर में हुई हिंसा और किसानों के प्रदर्शन के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां के दशहरा मैदान में अपना अनिश्चितकालीन उपवास शुरू कर दिया है। उन्होंने किसानों से शांति की अपील के साथ अपना उपवास शुरू किया है। उनके साथ कई मंत्री भी उपवास पर बैठे हैं।इस मौके पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के बिना प्रदेश आगे नहीं बढ़ सकता। खेती सरकार की पहली प्राथमिकता है। सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ है। सरकार ने किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं। किसान के खेतों तक पानी पहुंचाया है। किसानों के लिए फसल बीमा योजना लांच की गई है। और तो और उपवास शुरू करने से पहले सीएम ने किसानों को संबोधित ट्वीट में कहा कि मेरे किसान भाइयों, बापू के देश में हिंसा की आवश्यकता नहीं है।हम-आप शांतिपूर्ण ढंग से हर समस्या का समाधान ढूंढ़ लेंगे उन्होंने कहा मेरा यह उपवास किसानों की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने का प्रतीक है।उनका ये भी कहना है कि यह उपवास हिंसा के विरुद्ध है।
अब यहां एक बात समझ से परे है कि जब शिवराजसिंह चौहान के मन मे किसानों की समस्याओं को लेकर इतना दर्द है तो वो उसे दूर क्यों नही कर पा रहे हैं और जब वो सरकार होते हुए कुछ नही कर पा रहे हैं तो किसान किससे अपना दुखड़ा रोयेगा और वैसे भी केंद्र सरकार ने किसानों की समस्या को निपटाने के कई बड़े बड़े वादे भी किये थे तो क्या वो सब बातें चुनावी शगूफा थीं या सरकार की मंशा वाकई किसानों की समस्या दूर करने की थी इस पर सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए जो अभी तक साफ नही हो पाया है अभी तक भगवान को मनाने के लिए उपवास होता था पर राजनीती इसे भी अपनी सुविधा के लिए इस्तेमाल करने लगी है ऐसा नज़र आ रहा है।