लखनऊ, दीपक ठाकुर। कहते हैं कि भगवान् शिव जब क्रोधित होते हैं तो प्रलय आ जाती है मतलब सब तबाह हो जाता है ये ना हो इसी से बचने के लिए शिव आराधना की जाती है या ऐसा कहा जाये की शिव की पूजा अर्चना से मनुष्य का वर्तमान और भविष्य सुगम रहता है। महाशिवरात्रि का दिन ऐसा दिन है जब शिव भक्तों में उनकी आस्था का अटूट संगम दिखाई देता है कहा जाता है कि आज के ही दिन शिव जी पार्वती जी का विवाह हुआ था।
शिव पार्वती के विवाह में कई रोचक तथ्य है जो इस दिन मंदिरों में झांकी के रूप में भक्तों के लिए लगाईं जाती है वही शिव जी की बारात भी शहर में कई जगहों से निकाली जाती है।
ऐसी ही शिव बारात ठाकुरगंज स्थित कल्याणगिरी मंदिर से भी निकलती है जिसका लोगों में ख़ासा उत्साह रहता है। शिव की बारात में इंसान तो इंसान जानवर भी उत्साह से शामिल होते हैं शिव की बारात में स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई झांकी और शिव जी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं।
हर वर्ष शिव बारात का नज़ारा देखने लायक रहता है बारात में भरी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहती हैं जो कलश अपने सिर पर रख कर बारात के साथ साथ चलती है मान्यता ये है कि ऐसा करने से शिव उनकी मनोकामना पूर्ण करते है वहीँ शिव की बारात में हाथी घोड़ा ऊंट और गाजा बाजा भी खूब धमाल मचाता दिखाई देता है। और तो और जितनी भीड़ आपको बारात में दिखाई देती है उससे कई गुना ज़्यादा लोग सड़कों के किनारे इस अदभुद दृश्य को देखने के लिए दिखाई देते हैं कोई इन दृश्यों को अपने कैमरे में क़ैद करता है तो कोई सब भूल कर जय भोले जय भोले की आवाज़ लगा उठता है।
कल्याणगिरी से प्रारम्भ शिव बारात दो से तीन किलोमीटर का सफर तय कर के वापस इसी मंदिर पर आ कर समाप्त होती है और मंदिर में शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है जिसमे धतूरा बेलपत्र और दूध का विशेष महत्त्व रहता है।