दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। काश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके नेशनल कांफ्रेंस के नेता फ़ारुख अब्दुल्ला अपने बयानों से अक्सर सुर्खियां बने रहते हैं जो लाज़मी भी है क्योंकि उनके बयान से देश भक्ति की बू जो नही आती पता नही ऐसा क्या कनेक्शन है उनका पाकिस्तान के साथ के उनका मुह जब भी खुलता है पाकिस्तान की चमचा गिरी ही बरसाता है।
अभी हाल ही में उनके एक बयान ने फिर से हड़कंप मचाया है और उनको सुर्खी में ला खड़ा किया है वो बयान है कि पीओके पाकिस्तान का है और भारत उसको हासिल नही कर सकता अगर भारत ने ऐसा किया तो पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नही पहन रखी है।बताइये देश के नेता वो भी पूर्व मुख्यमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए जिससे देश की आन बान और शान धूमिल हो।हालांकि उनके बयान के बाद उस पर राजनीती भी शुरू हो गई है कोई उसको उनका व्यक्तिगत बयान बता रहा है तो कोई उसका ठीकरा पूरी पार्टी के सिर फोड़ रहा है।पर यहां आम हिंदुस्तानी क्या सोच रहा है ये जानना ज़्यादा ज़रूरी है।
हर हिंदुस्तानी ये बात अच्छी तरह जानता है कि पाकिस्तान ने हमारे कश्मीर पर अपनी गंदी निगाह डाल रखी है और पिछली सरकार की कमज़ोरी का नतीजा रहा जो कुछ हिस्सा उसके कब्जे में चला गया जहां से वो आतंकवाद का संचालन कर रहा है और बेकसूर कश्मीरियों को डरा कर उसपर राज करने की कोशिश भी कर रहा है।उसी हिस्से को वापस पाने और कश्मीर में अमन चैन की ज़िंदगी बहाल करने का वर्तमान सरकार प्रयत्न कर रही है या ऐसा कहा जाए कि उसी मुद्दे पर सरकार को वोट भी मिला था पर हालात अभी भी अपने काबू से बाहर हैं जो उम्मीद है कि सही हो जाएंगे।
मगर यहां तो दुश्मन का काम आसान करने में अपने ही देश के लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते नज़र आने लगते हैं जिससे उनके हौसले और भी बुलंद हो जाना भी स्वाभाविक है फ़ारुख साहब सरीखे लोग पता नही पाकिस्तान से कौन सी रिश्तेदारी निभाते है जो खाते यहां का हैं और गाना उन्ही का गाते हैं उम्र के हिसाब से देखा जाए तो फ़ारुख अब्दुल्ला को अब राजनीती से सन्यास ले कर पाकिस्तान जा के बस जाना चाहिए ताकि हमको ये महसूस हो कि हमारा दुश्मन एक ही है उसे घर मे तलाशने और उससे शर्मिंदा होने की ज़रुरत हमको अब नही है।