दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। 8 सितम्बर को गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में जो हुआ उससे सारा देश स्तब्ध रह गया सबने यही कहा कि मासूम को कोई इतनी निर्दयता के साथ कैसे मार सकता है जिसको ना दुश्मनी का पता ना दोस्ती का।वो मासूम था महज़ 7 साल का प्रद्दुम्न जो अपने स्कूल हर सुबह की तरह गया तो था पढ़ाई करने मगर वहां क्लास में जाने से पहले ही किसी ने उसके साथ दरिंदगी का ऐसा खेल खेला जो अभी तक एक पहेली ही बना हुआ है।
पहेली इसलिए क्योंकि हत्या के तक़रीबन तीन घण्टे बाद ही हरियाणा पुलिस मीडिया के सामने स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को लेकर आई और कहा कि उस बच्चे ने इसे बाथरूम में गलत हरकत करते देख लिया था तो अशोक ने इस डर से उसे मार दिया कि वो बाहर जा कर लोगों से उसकी शिकायत ना करे।हालांकि यही बयान मीडिया के सामने अशोक ने भी दिया कि उसी ने प्रधुमन को मारा है।मगर इस खुलासे से मासूम प्रद्युमन के घरवाले सन्तुष्ट नज़र नही आये और सीबीआई से जांच कराने की मांग कर डाली।
मामला चूंकि काफी संगीन और ह्रदयविदारक था इसलिए सरकार ने भी तुरंत पूरा मामला सीबीआई के सुपुर्त करवा दिया काफी पूछताछ और छानबीन के बाद सीबीआई भी मीडिया के सामने आई पर उसने जिस शख्स को हत्यारोपी बताया उससे फिर सवाल खड़ा हुआ।सीबीआई का कहना है कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल के ही 11वी के एक छात्र ने उस दिन प्रद्युमन की हत्या की थी और वही बाथरूम की खिड़की से फरार हो गया था।सीबीआई कहती है कि उसने फोन डिटेल सीसीटीवी फुटेज और लोगों से पूछ ताछ के बाद ही उस छात्र को दोषी माना है जो फिलहाल उनकी रिमांड पर है।
सीबीआई ने जो थ्योरी बताई है वो ये है कि 11वी का वो छात्र पढ़ाई में काफी कमजोर था और वो चाहता था कि किसी तरह उसकी परीक्षा और स्कूल में होने वाली पीटीएम टल जाए ताकि उसके माता पिता को उसकी पढ़ाई के बारे में कोई जानकारी ना मिल सके।सीबीआई ये भी कहती है कि उसने एक दिन पहले ही बाज़ार से चाकू भी खरीदा था जो हत्या में प्रयुक्त हुआ है।
अब यहां सीबीआई के खुलासे से प्रद्युमन के घर वाले तो संतुष्ट नज़र आ रहे है और वो चाहते भी हैं कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जाए मगर पुलिस की थ्योरी और हत्यारोपी और सीबीआई की थ्योरी और हत्या आरोपी दोनो अलग अलग हैं फर्क बस इतना है कि पुलिस ने आनन फानन में थ्योरी सेट कर के सुनाई और सीबीआई ने समय ले कर मामले की तह तक पहुंचने का दावा करने के बाद।पर क्या अब ये मान लिया जाए कि अशोक बेगुनाह है और उसे फसाया जा रहा था अगर ऐसा है तो कौन है जो उसे फसा रहा था और आखिर किस दबाव में अशोक ने ये गुनाह अपने सिर लिया था।
दूसरी बात अगर सीबीआई बता रही है कि 11वी का छात्र ही हत्यारा है तो वो हत्या के बाद भी कैसे अपनी दिनचर्या में लगा रहा और हत्या के बाद खून का एक भी छीटा उसकी स्कूल ड्रेस पर क्यों नही आया ये बात खुद उस 11वी के छात्र के पिता जी कह रहे हैं।
तो अब सवाल ये है कि क्या पूरे मामले में रेयान इंटरनेशनल स्कूल का कोई रोल नही है क्या उनपर संदेह करने का कोई कारण नही है क्या उसकी इस हत्या के लिए कोई ज़िम्मेदारी तय नही की जा सकती।अशोक अगर बेगुनाह है तो वो किसका मोहरा बनकर पुलिस के सामने आया था और अगर 11वी का छात्र ही कुसूरवार है तो उस तक पुलिस क्यों नही पहुंच पाई थी।सवाल और संदेह तो कई उठ रहे हैं पर संशय भी है कि जांच एजेंसी बदली तो हत्यारा और हत्या का मकसद भी बदल गया पर क्या कोर्ट में ये सब साफ हो पायेगा या अभी भी असल गुनाहगार कहीं बैठ के षड्यंत्र रच रहा है फैसला अदालत करेगी केस अभी चल ही रहा है।