नई दिल्ली। देश में मोदी सरकार बनने के बाद तथाकथित देशभक्त लोग मुसलमानों को देश का गद्दार घोषित करते हुए उन्हें देश से बाहर करने की मांग करते रहते हैं। गाहे-बिगाहे भारतीय जनता पार्टी के नेता भी मुस्लिमों को पाकिस्तान भेजने की बात कहते रहते हैं। लेकिन पिछले सोमवार अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले में एक मुस्लिम व्यक्ति सलीम ने पचासों श्रद्धालुओं की जान बचाई थी। वहीं कल जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रही बस खाई में गिर गई तो घटनास्थल पर सैकड़ों मुस्लिमों ने पहुंचकर कई लोगों की जान बचाई।
खास बातें-
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार को जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रही बस जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से फिसलकर खाई में गिर गई। बस के खाई में गिरने से 17 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई और 29 लोग घायल हो गए। लेकिन जैसे ही ये खबर आस-पास के इलाकों में फैली सैकड़ों मुस्लिम पीड़ित लोगों की मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए।
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सांप्रदायिक सौहार्द और कश्मीरियत की भावना दिखाते हुए मुस्लिम स्वयंसेवकों ने दर्जनों घायलों को बचाने में मदद की। ये मुस्लिम स्वयंसेवक एक गैरसरकारी संगठन के सदस्य थे। यही लोग सबसे पहले पीड़ितों की मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे। रामबन-बनिहाल क्षेत्र में ये एनजीओ सड़क हादसे के पीड़ितों की मदद के लिए आगे आता है।
इसके पहले पिछले सोमवार को अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में 7 लोगों की मौत हो गई थी। मौत का आंकड़ा और अधिक हो सकता था यदि मुस्लिम ड्राइवर ने अपनी सूझ-बूझ और दिलेरी न दिखाई होती तो। आतंकवादियों की ज़बरदस्त फायरिंग और बस में सवार लोगों की घबराहट के बीच बस ड्राइवर सलीम ने होश नहीं खोया और पूरे संयम और हिम्मत के साथ बस को आगे बढ़ा दिया था। जब बस में एक आतंकवादी ने घुसने की कोशिश की थी तो बस के हेल्पर ने उसको चलती बस से धक्का दे दिया और वह बस के बाहर गिर गया था।