नई दिल्ली | रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर कई संगठनो के हजारो लोगो ने भीड़ की बर्बरता और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. इससे पहले सभी लोगो ने राम लीला मैदान से जंतर मंतर तक मार्च किया जो दिल्ली की सबसे व्यस्तम गलियो से होकर गुजरा. इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य समाज के विभिन्न तबको को एक मंच पर इकठ्ठा करना था.
कारवां की खबर के अनुसार रविवार को करीब 16 संगठनों ने मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान से मार्च शुरू किया. यह मार्च जंतर मंतर पर जाकर रुका जहाँ संगठन के लोगो ने विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगो को संबोधित किया. रैली में सभी वक्ताओं ने कसम खाई की किसी भी कीमत पर संप्रदायिक और फासीवादी ताकतों की नापाक हरकतों को पूरा नही होने देंगे.
इस दौरान सभी लोगो के हाथो में तख्तिया थी जिस पर लिखा मोदी सरकार की नीतियों की निंदा की गयी थी. इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान सभी वक्ताओं ने एक सुर में भीड़ की बर्बरता में मारे गए लोगो के प्रति संवेदना व्यक्ति करते हुए कहा की किसी एक पर हमला , हम सब पर हमला है. यह केवल सरकार बदलने से नही बदलने वाला क्योकि सभी समस्याओ की जड़ हमारी वर्तमान व्यवस्था है.
रैली में बोलते हुए एक वक्ता ने कहा की देश में अल्पसंखयको, कमजोरो को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है. धर्म के नाम पर मुस्लिमो को मारा जा रहा है. कभी खाने के नाम पर तो कभी उनके पहनावे के नाम पर अल्पसंखयको पर हमले किये जा रहे है. अत्याचारो के खिलाफ आवाज उठाने पर दलितों को बर्बरता पूर्वक मारा जा रहा है. अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले विधार्थियों को यूनिवर्सिटी में निशाना बनाया जा रहा है.
इसके अलावा रैली में आये सभी वक्ताओं ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा की सरकार केवल बड़े उधोगपतियों को ध्यान में रखकर नीतिया बना रही है. जबकि आम जनता के अधिकारों की बलि चढ़ाई जा रही है. जनता को अधिकारों के नाम पर केवल वोट डालने का अधिकार दिया गया है. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों पर निशाना साधा गया. उन्होंने कहा की दोनों एक ही सिक्के के दो पहलु है जो केवल वोट बैंक की राजनीती करती है.