भारत की राजनीति आज जिस मुकाम पर है और आगे जहां जाने वाली है उसमें महाराष्ट्र के मालेगांव की नगर पालिका का चुनाव हकीकत बयां करता है। भाजपा ने प्रचार किया हुआ है कि तीन तलाक से मुस्लिम महिलाएं भाजपा की दिवानी हो रही हैं। यूपी के चुनाव के वक्त लखनऊ में भी मुस्लिम महिलाओं ने भाजपा को वोट दिए। इस फिजूल के प्रचार का परीक्षण अभी मालेगांव में हुआ। 84 सीटों की मालेगांव नगर पालिका क्षेत्र में 80 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। इस हकीकत की वजह से भाजपा ने 27 उम्मीदवार मुसलमान खड़े किए। सबका साथ, सबका विकास और तीन तलाक से महिलाओं के अधिकार की नारेबाजी के बीच भाजपा उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। पता है इन्हें कुल कितने वोट मिले? उम्मीदवारों को कुल 3008 वोट!
एक उम्मीदवार ने क्योंकि 884 वोट पा लिए इसलिए 27 मुस्लिम उम्मीदवारों का कुल तीन हजार का आंकड़ा बना। अन्यथा एक-एक उम्मीदवार 100-100 वोट के इर्दगिर्द अटका रहा। मतलब जो मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा हुआ होगा वह सत्तापक्ष के बावजूद अपने परिवार-रिश्तेदार के वोट भी नहीं ले पाया। भाजपा के 28 हिंदू उम्मीदवारों को हिंदू इलाकों में 84 हजार वोट मिले और मुस्लिम इलाकों के उसके 27 उम्मीदवारों को सिर्फ तीन हजार वोट।
नगर पालिका स्तर का यह आंकड़ा बताता है कि वोट राजनीति आज कैसी देश में धुव्रीकृत हो गई है। ऐसा आगे और होता जाएगा।