मेघालय में बीजेपी का पास कोई विधायक नहीं है. कांग्रेस निर्दलीय विधायकों के बूते सरकार में बने रह सकती है. अगले साल की पहली तिमाही में ही यहां विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल छह मार्च को समाप्त हो रहा है. मुकुल संगमा वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं.
मेघालय में आठ विधायकों का विधानसभा से इस्तीफा
शिलांग: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जहां कांग्रेस को मजबूती देने के लिए कदम उठाने की बात कर रहे हैं वहीं पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय में पार्टी को बड़ा झटका लगा है. यहां शुक्रवार को सत्तारुढ़ कांग्रेस के पांच विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. इनमें पूर्व डिप्टी सीएम रॉवेल लिंगदोह स्नियाभलांग धर, कॉमिंगोन यंबोन, प्रेस्टन तिनसांग और गुएतलांग धर शामिल हैं. इनके अलावा यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के एक और दो निर्दलीय विधायकों ने भी शुक्रवार को अपना इस्तीफा विधानसभा के मुख्य सचिव एंड्रयू सिमंस को सौंप दिया. गुरुवार को एक और कांग्रेस विधायक पीएन सेइम ने इस्तीफा दिया था. इन इस्तीफों के बाद कांग्रेस के पास 30 में से सिर्फ 24 विधायक रह गए हैं.
60 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 31 सदस्यों का समर्थन जरूरी है. ऐसे में सरकार बनाए रखने के लिए कांग्रेस को निर्दलीय विधायकों पर नजर रखनी पड़ेगी. यहां 17 निर्दलीय विधायकों का कांग्रेस को समर्थन मिलता रहा है. कांग्रेस के जिन पांच विधायकों ने इस्तीफा दिया है उनमें से चार पहले कैबिनेट में शामिल थे जिन्हें मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने अयोग्यता का आरोप लगाते हुए सरकार से बाहर कर दिया था. इसके बाद से ही उन्होंने सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल रखा था.
Meghalaya: Eight MLAs including five from the ruling Congress party have resigned from the state assembly pic.twitter.com/w3aGeFFhsw
— ANI (@ANI) December 29, 2017
विधानसभा के प्रधान सचिव सिमंस ने समाचार एजेंसी से कहा, ‘आठ विधायकों ने शुक्रवार को अध्यक्ष के कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंपा. अध्यक्ष बाहर हैं और वह अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थे.’ विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष अबू ताहिर मंडल को ईमेल के जरिए भेजा.
विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले विधायक अगले सप्ताह पीए संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी में शामिल होंगे. यहां अगले साल छह मार्च को विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और नगालैंड और त्रिपुरा के साथ चुनाव होने की उम्मीद है. इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायकों ने मुख्यमंत्री पर पर निरंकुशता का आरोप लगाया है. इन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीडी लपांग पर मुख्यमंत्री के इशारे पर चलने के आरोप लगाए. ये विधायक जिस एनपीपी में शामिल होने जा रहे हैं उसके पास वर्तमान में सिर्फ दो विधायक हैं.