पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने साफ कर दिया है कि वो बैंक से लिया गया लोन वापस नही कर पाएंगे और इसका जो कारण उन्होंने बताया है वो काफी हैरान करने वाला है पीटीआई से आ रही खबर के अनुसार नीरव मोदी का एक पत्र उनके हाथ लगा है जिसमे नीरव मोदी ने ये कहा है कि क्योंकि अब ये मामला सार्वजनिक हो गया है जिस कारण उनके व्यापार पर भी संकट आ खड़ा हुआ है इसलिए अब वो ऐसी स्थिति में हैं कि वो बैंक का लोन नही चुका सकते।
यहां नीरव मोदी ने पहले चोरी और फिर सीना जोरी की कहावत को चरितार्थ करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी उनकी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि बैंक द्वारा उनके ऊपर बकाए रकम को आधे से भी ज़्यादा कह कर पेश किया जा रहा है जबकि वास्तविक लोन लगभग 5 हजार करोड़ का ही है।नीरव ने ये भी कहा है कि वो पहले तो रकम चुकाने की सोच भी रहे थे लेकिन पीएनबी की गलत बयानी से जो उनको दिक्कते पेश आ रही है उसे देखते हुए अब एक भी पैसा बैंक को लौटाने की स्थिति में वो नही है।
नीरव मोदी ने अपने पत्र में ये भी कहा कि उनके खातों से अंकुश हटाया जाए ताकि वो अपने स्टाफ की सैलरी उनको दे सके।पत्र के प्रकाश में आने से ये बात तो साफ है कि अब उनकी संपत्ति बेच कर ही घोटाले का पैसा वापस आ सकता है।2011 से जिस तरह नीरव बैंक के दम पर राज कर रहा था उसी बैंक को दोषी ठहरा रहा है आम जनता का पैसा डकारने के बाद विदेश जा कर ऐश करना देश के नटवरलालों की आदत सी बन चुकी है इन पर कोई सख्त कार्रवाई होना बहुत ज़रूरी है नही तो उनका ये रास्ता देश के बेरोजगार नव जवानों को उनका भविष्य सुनहरा बनाने का अवसर भी लग सकता है जो हमारे देश के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
इसलिए कानून ऐसा बने जिससे घोटालेबाज़ भी थर्रायें ये नही की देश मे लूट कर के विदेश में चैन की बंसी बजाएं।नीरव मोदी हो या विजय माल्या या कोई और किसी को भी देश की जनता की गाढ़ी कमाई से खिलवाड़ करने की सज़ा मिलनी चाहिए सिर्फ कर्ज़ अदायगी और बयानबाज़ी से अब बात नही बनेगी ऐसा संकेत भी जाना चाहिए।