लखनऊ,दीपक ठाकुर।उत्तर प्रदेश में भाजपा ने जो अपार सफलता पाई है उसको देख कर यही लगता है कि वाकई अभी कई वर्षों तक मोदी को हरा पाना अन्य पार्टियों के लिए नामुमकिन ही है इसके कई कारण भी है पहला तो ये कि मोदी में जिस तरह का कुशल नेतृत्त्व और कार्य क्षमता है वो बाकि के नेताओ में विलुप्त सी हो गई है दूसरा देश की बागडोर मोदी के हाथों में आने के बाद जिस तरह विरोधी उनपर हमलावर होते हैं उससे भी कही ना कही मोदी को फायदा ही पहुँचता है कारण इसका भी है वो ये कि मोदी ज़मीनी हक़ीक़त की सियासत को तवज्जो देते है बाकी उनकी सियासत पर तंज कसने में मसरूफ रहते है उनकी बात में दम होता है तो विरोधी बे सिर पैर की बात कर वक़्त ज़ाया करते है मोदी जब गुजरात में बतौर मुख्यमंत्री रहे तो गुजरात का स्वरूप ही बदल दिया इसमें कोई संदेह नहीं की उनकी आलोचना भी बहुत हुई पर बन्दे के काम और बात में सच्चाई थी तभी वहां की जनता ने कई बार उन पर विशवास जताया जिस पर वो खरे उतरे।
आपको लोक सभा 2014 का चुनाव तो ध्यान ही होगा इसी भारतीय जनता पार्टी के पास ऐसा कुछ ख़ास नहीं था जिससे लोक सभा में पार्टी बढियां प्रदर्शन करे तब उस वक़्त के भाजपा शीर्ष नेताओं को याद आये मोदी फिर क्या था गुजरात में मिली अपार सफलता से मोदी नाम ही भाजपा के लिए ऐसा काम कर गया कि पार्टी को धमाकेदार सीटें मिली इतनी सीटें की उसकी कल्पना खुद भाजपा ने भी नहीं की होगी अब आप ही बताइये उस वक़्त मोदी के नाम पर किसने वोट नहीं किया होगा ज़ाहिर है पूरे देश ने मोदी को वोट किया तभी भाजपा जीती।मोदी के जीतते ही भाजपा को नया आयाम देने की मोदी ने कवायद शुरू की पार्टी के बुजुर्गों नेताओ को सम्मान दिया और युवाओं में जोश भरा नतीजा आप सबके सामने है।अब बिहार चुनाव को छोड़ कर देखा जाये तो मोदी देश के ही नहीं विदेशों में भी पहली पसंद बनते जा रहे है उनके काम में सादगी है पर दुश्मन थर्रा रहे हैं तभी जो कभी नहीं सुना वो पकिस्तान सुना रहा है।
अब आने वाले वक़्त की बात कर ली जाए तो बड़ी आसानी से कहा जा सकता है कि मोदी ने वास्तव में देश का मूड पूरी तरह से भांप लिया है जातिवाद की राजनीति से दूर सभी धर्म को जोड़ कर उनके विकास और देश की बात करने का माहौल सा खड़ा कर दिया है जैसा उत्तर प्रदेश में हुआ वो सबके सहयोग से हुआ सभी ने मन बनाया तो भाजपा आई और भाजपा आई तो सिर्फ मोदी के नाम पर।विरोधियों का जो काम है वो तो उन्हें करने से कोई नहीं रोक सकता मगर अगर विरोध का स्तर ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नहीं जब विरोधी ही समाप्त हो जायेंगे जैसा लगता है।खैर इन सब बातों से एक बात तो साफ़ है कि देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जिसमे वाकई हुकूमत करने की काबिलियत है।