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Wednesday, January 15, 2025

​मोदी सरकार को सुप्रीमकोर्ट का झटका, किसानों और कारोबारियों को राहत

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है जिसमें वध करने के लिए कुछ जानवरों के खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगा दी गई थी. सरकार ने मंगलवार को कोर्ट को बताया कि वो खुद अपने नोटिफिकेशन में बदलाव कर रही है. सरकार के नोटिफिकेशन पर किसानों से लेकर मीट कारोबारियों ने आपत्ति जताई थी. सरकार का तर्क था कि नए नियम का मकसद जानवरों के अवैध बिक्री को रोकना था.
जानवरों की बिक्री को लेकर केंद्र सरकार के नए कानून ने खलबली मचा दी थी. किसानों से लेकर मीट कारोबारी तक सभी परेशान थे. ये नोटिफिकेशन 23 मई को केंद्र सरकार के एनवायरनमेंट ऐंड फॉरेस्ट मिनिस्ट्री ने जारी किया था.
कैटल यानी सांड, बैल, गाय, भैंस, बछड़ा, कलोर और ऊंट की मंडी में बिक्री पर पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकार के उस नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी. इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने भी नोटिफिकेशन पर रोक लगाई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश का दायरा देशभर के लिए कर दिया है.
खास बात ये है कि सरकार ने खुद ही ये मान लिया कि नोटिफिकेशन में संशोधन की जरूरत है. केंद्र सरकार के मुताबिक तीन महीने में नया नियम तैयार हो जाएगा. इसके लिए सभी पक्षों से सुझाव लिए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि नया नियम आने के बाद अगर किसी को दिक्कत हो तो वो कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. नया नियम आने तक सरकार के नोटिफिकेशन पर देशभर में रोक लगी रहेगी.
इससे पहले सरकार ने जो नया नियम बनाया था उसके मुताबिक वध करने के लिए जानवरों की बिक्री किसान सिर्फ अपने घर से ही कर सकते थे. मंडी में ऐसे जानवरों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी गई थी. किसी धार्मिक वध के लिए भी जानवरों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी गई थी.
क्या था जानवरों की बिक्री का नया नियम

नोटिफिकेशन के दायरे में सांड, बैंल, गाय, भैंस, बछड़ा, कलोर और ऊंट जैसे जानवर थे. केंद्र सरकार ने मंडी में वध के लिए इन जानवरों की बिक्री पर पाबंदी लगा थी. नोटिफिकेशन के मुताबिक इन जानवरों के खरीद-फरोख्त के वक्त जानवर खरीदने और बेचने वाले को ये लिखित रूप में देना होगा कि वो जानवर का वध नहीं करेंगे.
इन जानवरों को वध के लिए नहीं बेचा जाएगा. यानी इन जानवरों को मंडी में सिर्फ कृषि के काम के लिए ही खरीद फरोख्त किया जाएगा. जानवर खरीदने वाले को ये लिखित देना होगा कि वो जानवर का वध नहीं करेगा. इसके अलावा किसी धार्मिक कार्यक्रम के लिए वध नहीं किया जाएगा.
जानवर खरीदने वाले को ये भी लिखित में देना होगा कि वो छह महीने तक जानवर को नहीं बेचेगा. जानवर के किसी भी अंग पर कोई रंग नहीं लगाया जाएगा (कई राज्यों में जानवरों का त्योहार मनाया जाता है जहां उन्हें रंग से सजाया जाता है).
सरकार के नोटिफिकेशन की वजह से किसानों को अपने जानवर बेचने में परेशानी हो रही थी. साथ ही मीट कारोबारियों को भी जानवर नहीं मिल पा रहे थे, जिससे देशभर में करोड़ों का नुकसान हो रहा था.
कई राज्य सरकारों ने भी इसका विरोध किया था. नए नियम के मुताबिक स्लॉटर हाउस वाले मंडी से जानवर नहीं खरीद पा रहे थे. उन्हें सीधा जानवर को फार्म से खरीदना पड़ रहा था. या फिर वो किसानों के घर जाकर जानवर खरीद रहे थे. कई किसान जो 2-4 जानवर रखते हैं, उनके लिए सबसे ज्यादा दिक्कत हो गई थी.

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