आखिरकार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज के लिए युवराज सिंह और सुरेश रैना को टीम में जगह नही मिली, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे अनुभवी खिलाड़ियों का चयन नही किये जाने पर भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी BCCI तथा चयनकर्ताओ पर बुरी तरह से भड़क गये, कॉन्फ्रेंस में धोनी ने कहा की ये ऑस्ट्रेलिया की टीम है जो की इस समय वनडे रैकिंग में नंबर वन है टीम में खिलाड़ियों का चयन करते समय BCCI तथा चयनकर्ताओ को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हमें मुकाबला किसके खिलाफ करना है।
धोनी ने आगे कहा की चयनकर्ताओ ने श्रीलंका के खिलाफ युवा खिलाडियों को मौका दिया चलो ठीक है लेकिन ऑस्ट्रेलिया की टीम श्रीलंका जैसी कमजोर टीम नही है, ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ अनुभव को आगे रखा जाना चाहिए युवराज सिंह तथा सुरेश रैना मध्यक्रम के बेजोड़ खिलाड़ी है इन दोनों के पास अनुभव का खजाना है, इन दोनों की बल्लेबाजी से दुनिया परिचित है.
धोनी ने इतने दिन कप्तानी की है उनको ये पता है की किस समय के खिलाड़ी को कब मौका दिया जाना चाहिए, धोनी के पास सूझबूझ ज्यादा थी वो समय को बहुत जल्दी परख लेते थे इसलिए वो इतने बड़े कप्तान बन पाए, धोनी अगर कप्तान होते तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ युवराज सिंह और सुरेश रैना की वापसी पक्का होती, जब से रवि शास्त्री भारतीय टीम के कोच बने है तब से कुछ ज्यादा ही खिलाड़ियों के साथ हेर-फेर किया जा रहा है.
इसका हर्जाना खुद कप्तान विराट कोहली को भुगतना पड़ेगा आपको इतनी समझ नही है की 2019 का विश्वकप आने वाला है और आप अपने अनुभवी खिलाड़ियों को टीम से बाहर बैठाये हुए है और वो भी मैच विनर खिलाड़ियों को, युवराज सिंह ऐसे खिलाड़ी है जो विश्वकप 2011 के “प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट” रह चुके है, अगर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच हार गयी तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा तब कोहली को समझ में आएगा की टीम में अनुभवी खिलाड़ियों के होने से क्या फर्क पड़ता है.