नई दिल्ली: पिछले दिनों यूपी के बुलंदशहर में भाजपा नेताओं के खिलाफ एक स्टैंड लेना लेडी पुलिस ऑफिसर श्रेष्ठा ठाकुर को काफी महंगा पड़ गया। दरअसल, श्रेष्ठा ने एक हफ्ते पहले स्थानीय भाजपा नेता सहित अन्य पांच नेताओं को पुलिस कार्यवाही में दखल देने और पुलिस अधिकारी से बदतमीजी करने के आरोप में जेल भेज दिया था। जिसके बाद शनिवार को श्रेष्ठा ठाकुर का तबादला बुलंदशहर से बहराइच कर दिया गया है।
दरअसल, श्रेष्ठा ठाकुर और उनकी टीम जिले के स्याना क्षेत्र में गाड़ियों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक भाजपा नेता प्रमोद कुमार की बाइक को रोक कर 200 रुपए का जुर्माना लगा दिया। प्रमोद की पत्नी जिला पंचायत सदस्य है। इसके बाद श्रेष्ठा ठाकुर और प्रमोद कुमार में कहासुनी शुरू हो गई। जिसके बाद प्रमोद ने फोन कर दूसरे नेताओं को भी मौके पर बुला कर पुलिस की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। जिसके बाद इन्हें जेल में बंद कर दिया गया था।
बहरहाल, अब तबादले को लेकर श्रेष्ठा ने भी पहली प्रतिक्रया दी है। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट कर कुछ यूँ लिखा –
जहां भी जाए गा,रौशनी लुटाए गा।
किसी चराग का अपना मकां नहीं होता।।
बहराइच ट्रांसफर कर दिया गया है, यह नेपाल बॉर्डर पर है। मेरे दोस्तों चिंता मत करिए मैं खुश हूं, मैं अपने अच्छे कामों के लिए इस पुरस्कार को स्वीकार करती हूं। बहराइच में आप सब आमंत्रित हैं।