उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ एक बार फिर सवालों के घेरे में आ खड़े हुए. प्रदेश में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ. शहर से लेकर गांवों तक अघोषित बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है. प्रदेश की कई बिजली इकाईयां ठप होने की वजह से मांग और आपूर्ति में असंतुलन की स्थिति पैदा हो गई है. अलाम ये है कि शहर और गांव में घंटों में की अघोषित कटौती की जा रही है. जिसकी बजह से लोगों का बुरा हाल हो हो गया. वहीं पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन का कहना है कि आने वाले तीन-चार दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी.
बता दें प्रदेश में इस समय बिजली की मांग 19, 500 मेगावाट के आसपास है जबकि उपलब्धता 16, 500 मेगावाट है.स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के अधिकारीयों के मुताबिक बारिश बंद होने और कृषि के लिए बिजली की मांग ज्यादा होने की वजह से संकट गहरा गया है. इसके अलावा राज्य की कई थर्मल पॉवर यूनिट भी ठप हैं. जिसकी वजह से कुल उत्पादन महज 3000 मेगवाट ही रह गया है.
अधिकारीयों के मुताबिक सरकार ने कृषि के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति को बहाल रखने के लिए दबाव बना रखा है लिहाजा शहरी क्षेत्र में ज्यादा बिजली कटौती हो रही है. राजधानी लखनऊ समेत तमाम शहर, जिला मुख्यालय और माडलों में बिजली कतुती हो रही है. शहरी क्षेत्रों में 3-4 घंटे तो ग्रामीण इलाकों में 5-6 घंटे कटौती की जा रही है.
गौरतलब है कि सूबे में योगी सरकार बनते ही गांव और शहरों में अबाधित बिजली आपूर्ति की घोषणा की गई थी. इसके तहत गांव में 16 से 18 घंटे, जिला मुख्यालय पर 22 से 24 घंटे बिजली सप्लाई की बात कही गई थी.