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Wednesday, January 15, 2025

​यूपी में भिड़े दो भगवाधारी: सीएम योगी बनाम साक्षी महाराज

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से सांसद और भारतीय जनता पार्टी के सबसे विवादित नेता साक्षी महाराज अब योगी आदित्यनाथ को चुनौती दे रहे हैं. साक्षी महाराज का विवादों से गहरा नाता है. वो अपने बयानों से अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा करते रहते हैं. और एक बार फिर उन्होंने बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाली बात कर दी है.

मौतों को नरसंहार बता बढ़ाई मुश्किलें
बीआरडी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत ने वैसे ही योगी सरकार की किरकिरी कर रखी है. लेकिन कोढ़ में खाज का काम साक्षी महाराज कर रहे हैं. उन्होंने अपनी ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मासूमों की मौत सिर्फ मौत नहीं बल्कि नरसंहार है. साक्षी महाराज ने कहा कि मासूमों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई न होने की वजह से हुई. उन्होंने ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को पेमेंट न करने पर भी सवाल उठाए. साक्षी महाराज के मुताबिक बच्चों की मौत सामान्य नहीं मानी जाएगी. सरकार को दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त एक्शन लेना चाहिए.

मदरसों में राष्ट्रगान पर योगी को घेरा
साक्षी महाराज सिर्फ बीआरडी अस्पताल को लेकर ही नहीं दूसरे मुद्दों पर भी योगी को निशाने पर ले चुके हैं. मदरसों में वंदे मातरम् और राष्ट्रगान के मुद्दे पर भी साक्षी ने योगी को घेरने की कोशिश की थी. यूपी सरकार के मदरसों में 15 अगस्त को वंदे मातरम और राष्ट्रगान के निर्देश पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकार ने मदरसों के लिए आधा-अधूरा निर्णय लिया है. ये भारत सरकार और प्रदेश सरकार को सुनश्चित करना चाहिए कि, सारे हिंदुस्तान के वित्त शिक्षण संस्थानों में चाहे वो यूनिवर्सिटी हो चाहे मदरसे हों और जितने ऑफिस हैं जिनमें काम करने वाले हर व्यक्ति को राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान आना चाहिए.

क्या चाहते हैं साक्षी?
साक्षी महाराज अचानक से ही उत्तर प्रदेश सरकार के फैसलों में बड़ी दिलचस्पी लेने लगे हैं. जबकि यूपी चुनाव जीतते ही पीएम मोदी ने सासंदों को संदेश दिया था कि योगी सरकार में दखल न दें. फिर भी साक्षी महाराज अपनी टांग योगी के कामकाज में अड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसके पीछे राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अब साक्षी महाराज की राजनीतिक इच्छाएं बढ़ गई हैं. उन्हें योगी की नाकामी में मौके नजर आ रहे हैं. हो सकता है कि एक भगवाधारी को प्रदेश की शीर्ष कुर्सी पर देखकर उनके भी अरमान जाग गए हों.

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