सोशल ट्रेडिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आने के बाद अब कई कंपनियों ने यूपीएसटीएफ की कार्रवाई से बचने की कवायद शुरू कर दी है। जांच में फंसीं या दायरे में आईं कई कंपनियां अपना धंधा उत्तर प्रदेश से समेटने की कोशिशों में लगी हैं। बीते 20 दिनों में 11 से अधिक कंपनियों ने अपने दफ्तर शिफ्ट कर सरकारी एजेंसियों को इसकी सूचना दे दी है। जबकि गाजियाबाद से संचालित हो रही एक कंपनी ने तो अपना पूरा कारोबार यूपी से समेटकर देहरादून शिफ्ट कर लिया है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग से जुड़ीं कंपनियों की फाइलें खंगाल रहीं जांच एजेंसियों के सामने जब कंपनियों के दफ्तर बंद करने का मामला सामने आया, तो उन्होंने आगे की जांच शुरू कर दी है। यूपीएसटीएफ ने सेंट्रल एक्साइज व आयकर विभाग से गाजियाबाद और नोएडा के पते पर पंजीकृत ऐसी तमाम कंपनियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगीं। जिसकी रिपोर्ट तैयार करते वक्त सामने आया कि बीते साल सितंबर में पंजीकृत होने वाली कंपनी ने अपना मुख्यालय गाजियाबाद में और अपने बिजनेस ऑफिस दिल्ली और देहरादून में दिखाए थे। लेकिन एब्लेज इंफो सॉल्यूशंस लिमिटेड की 37 अरब की महाठगी सामने आने के बाद अपना नोएडा व गाजियाबाद का दफ्तर बंद कर दिया है।
जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनियां मान रही हैं कि यूपीएसटीएफ अलर्ट है और वहां पर कारोबार करना मुश्किल है। इसलिए उन्होंने रातोंरात अपने दफ्तरों को शिफ्ट करने का काम शुरू किया है। हाल ही में देहरादून के पते पर शिफ्ट की गई एक ऐसी ही कंपनी का ब्यौरा खंगाला गया तो पता चला कि उसके पास करीब सवा लाख से अधिक ग्राहक हैं, यानी जिसे कंपनी ने अपने पैक बेचे हैं। जिनके जरिये 5.25 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जुटाई है। जिस पर कंपनी की तरफ से 27 करोड़ से अधिक का सर्विस टैक्स भी जमा किया गया है। ऐसे में एसटीएफ को कंपनी की रिपोर्ट देने से पहले आयकर विभाग और सेंट्रल एक्साइज की टीमें स्वयं कंपनी के ऊपर होमवर्क कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कंपनी को नोटिस जारी कर अपना सारा ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए कहा जा रहा है। वहीं, दिल्ली, गुड़गांव व फरीदाबाद के पते पर पंजीकृत होने वाली ऐसी कंपनियों की भरमार है।
शिकंजा कसने पर हो रहा उलटफेर
जांच एजेंसियों का मानना है कि यूपी में एसटीएफ की कड़ी कार्रवाई के बाद डीजीपी जावीद अहमद द्वारा विशेष जांच दल गठित कर दिया गया है, जो अब तमाम कंपनियों की फाइलों को खंगालेगा। टीम ने काम भी शुरू कर दिया है। वेबवर्क के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत की जांच भी एसआईटी द्वारा की जा रही है। जिसमें जल्द ही कुछ और चौंकाने वाले तथ्य सामने आने बाकी हैं। ऐसे में एसआईटी की सक्रियता को देखते हुए धड़ल्ले से कार्यालय शिफ्ट किये जा रहे हैं।
सोना कारोबारी रडार पर
ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर मोटी रकम लगाने वाले व्यापारी विशेष जांच दल (एसआईटी) के रडार पर हैं। मेरठ, हापुड़ के साथ ही गाजियाबाद के भी कुछ कारोबारियों के नाम अब तक सामने आये हैं। जिसमें सबसे ज्यादा पैसा सोना कारोबारियों का लगा हुआ है। वेबवर्क ट्रेड लिंक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले गाजियाबाद निवासी अमित किशोर जैन ने भी तमाम साक्ष्य मुहैया कराये हैं, जिनसे सामने आ रहा है कि व्यापारियों ने भी नोटबंदी में अपना बड़ा पैसा ऑनलाइन ट्रेडिंग के कारोबार में लगाकर सेट किया। इसलिए सोना कारोबारियों से भी एसआईटी द्वारा जल्द पूछताछ की जा सकती है।