नीतीश कुमार ने बिहार सीएम पद से इस्तीफा दिया
नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद यह जानना दिलचस्प होगा कि महागठबंधन का निर्माण कैसे हुआ था और आज की तारीख में किसके साथ किसकी सरकार बन सकती है।
– राज्य में 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लालू प्रसाद की पार्टी राजद, नीतीश की जदयू और कांग्रेस ने मिलकर महागठबंधन का एेलान किया था। जदयू और राजद ने 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस को 40 सीटें दी गईं।
– राजनीतिक पंडितों ने इसे बेमेल गठजोड़ करार देते हुए हैरानी जताई कि लालू को भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण मानने वाले नीतीश ने उन्हें कैसे गले लगाया, लेकिन सारे अनुमानों को धता बताते हुए महागठबंधन को चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिला और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनी।
– दो साल तक सब कुछ ठीक चला लेकिन मई, 2017 में 1000 करोड़ की बेनामी संपत्ति के मामले में लालू प्रसाद के दिल्ली-एनसीआर के 22 ठिकानों पर आयकर छापे से दोनों के रिश्तों में नया मोड़ आया। लालू ने आरोप लगाया कि यह नीतीश के इशारे पर हुआ है।
– जुलाई के पहले हफ्ते में सीबीआई ने लालू उनकी पत्नी राबड़ी, छोटे बेटे और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित आठ लोगों व इकाइयों के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया। आरोप है कि रेल मंत्री रहते लालू ने एक कंपनी को फायदा पहुंचाया जिसके बदले में उन्हें कंपनी ने पटना में करोड़ों की जमीन दी।
– इसके बाद रिश्तों में खटास और बढ़ गई। नीतीश ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की घोषणा करते हुए तेजस्वी को इशारों में इस्तीफा देने का संकेत दिया लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
– इससे पहले 2010 में नीतीश के जदयू और भाजपा ने मिलकर राजग के बैनर तले चुनाव लड़ा और साझा सरकार बनाई
– 2013 के जून में भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की भनक लगते ही नीतीश ने राजग से नाता तोड़ लिया
विधानसभा में दलीय स्थिति-
कुल सीटें: 243
बहुमत के लिए: 122
राजद: 80
जदयू: 71
भाजपा: 53
कांग्रेस: 27
अन्य: 05