मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में आपराधिक मामलों में नाकाम साबित हो रही की योगी सरकार अब ग्रामीणों के घरों के अंदर सब्जी की जांच में जुट गई है। पुलिस यहां देर शाम जब गांव में छापेमारी करने गयी तो उनपर गुस्साई भीड़ ने धावा बोल दिया। इसके बाद वाहन छोड़कर भागे पुलिसकर्मियों के वाहनों को भी ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह मामला शुक्रवार की देर शाम का है। इस पूरे मामले में 8 लोग घायल हुए हैं जिसमें से 5 पुलिस वाले हैं।
ग्रामीणों का आरोप है की झूठी सूचना पर पुलिस ने ग्रामीणों के साथ अभद्रता की और मार पिटाई करते घरो में तोड़फोड़ भी की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस की इस कार्रवाई में कई बच्चे और युवा घायल हो गए। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस के आलाधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ कैम्प किये हुए है।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम को शेरपुर के इस्लाम और हसरत के यहां पहुंची और घर में गो कशी किए जाने की बात कही। इस पर इस्लाम ने एतराज जताते हुए घर में बन रही आलू और गोभी की सब्जी पुलिस के सामने कर दी और इफ्तार के वक्त घर में आने पर एतराज जताया।
पड़ोस के कुछ और लोग भी और पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल उठाए जिस पर पुलिस ने घर में बन रही आलू गोभी की सब्जी आंगने में फेंकते हुए कहा कि चुप चाप बताओ कि गोश्त कहां हैं ? गोश्त ना देख पुलिस ने चूल्हे पर रखी सब्जी को खोलकर देखना शुरू कर दिया जिससे मामला बढ़ गया। इस पर ग्रामीण भड़क गए और पुलिस को दौड़ा लिया।
इस मामले पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुजफ्फरनगर ने अनंतदेव तिवारी ने कहाकि UP 100 को सूचना मिली थी दो घरो में गोकशी हो रही है। डायल 100 और लोकल पुलिस ने यहाँ सर्च किया जिस पर लोगो ने विरोध किया और पुलिस की दो बाइक जला दी है। इस मामले में अभियोग पंजीकृत करके आगे की कार्रवाई की जा रही है। तिवारी के अनुसार पुलिस जब जा रही थी तो गांव वालो ने पुलिस पर पथराव किया और आगजनी की।
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने फायरिंग की और उसमें 5 लोग घायल हो गए जिसमें 11-12 साल का एक बच्चा भी शामिल है। वहीं ग्रामीण सहजाद ने कहा कि मैं बीमार हूं। घर में पड़ा हुआ था, पुलिस ने आते ही मुझे लात मारी थप्पड़ मारे। मैंने रोजा रखा था और मैंने कुछ नहीं खाया था। पुलिस वाले पूछ रहे थे की गोश्त कहा है , मैंने कहा की मुझे नहीं पता में तो बीमार हूं घर की चूल्हे को भी तोड़ कर गए।