आगरा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में किसानों पर कर्जमाफी की घोषणा का कितना असर हुआ है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रविवार को दो किसानों ने आत्महत्या कर ली। दो किसान परिवारों में मातम छाया हुआ है।
जानकारी के मुताबिक आगरा के सैंया और मथुरा के राया थाना क्षेत्र के एक-एक किसानों ने आत्महत्या कर ली है। इस बार आलू की खेती में किसानों को बड़ा नुसान हुआ है। कई बड़ी संख्या में किसान कर्ज में डूब गए हैं।
आगरा जिले के सैंया थाना क्षेत्र के गांव ताहरपुर निवासी राजेश पुत्र विजय सिंह ने पांच साल पहले भूमि विकास बैंक से 60 हजार रुपए फसली ऋण लिया था। पांच साल हो जाने के बाद भी ऋण वापस न हो पाने पर बैंक ने उसे डिफाल्टर घोषित कर दिया था। तीन साल लगातार खेती में नुकसान हुआ और बैंक का कर्ज राजेश वापस नहीं कर पाया।
रविवार बहुत परेशान होकर राजेश ने यह कदम उठाया। राजेश की पत्नी मेनका का आरोप है कि अमीन मानिक चन्द्र उसके पति को 17 जून को घर से बाहर कॉलर पकड़कर बाहर ले गया था। किसान को जेल भेजने और जमीन कुर्क करने की धमकी भी दी थी। जिससे राजेश परेशान था। इस अपमान से राजेश ने खाना पीना छोड़ दिया था।
मथुरा के राया थाना क्षेत्र के गांव सूरज निवासी विरेन्द्र किसान आलू की खेती में हुए नुकसान से बहुत परेशान था। इस बार उसे बहुत बड़ा नुकसान हुआ था। लंबे समय से इसबात को लेकर विचलित था। रविवार को वह खेत गया था और वही ट्रेन से कटकर जान दे दी। प्रशासन से अन्य किसानों और ग्रामीणों ने रमेश के लिए मुआवजा मांगा है।