नई दिल्ली। योगी सरकार के 50 दिन पूरे हो चुके हैं। सत्ता संभालने के बाद से ही वो लगातार अपने कामों से चर्चा में बने हुए हैं परंतु पिछले कुछ दिनों से कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक और जातीय तनाव, योगी सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है।
किए गए कई तबादले
अब तक योगी सरकार ने 50 से ज्यादा सीनियर पुलिस अधिकारियों के तबादले किए हैं बावजूद इसके अब तक पूरे प्रदेश में छोटे-बड़े दर्जन भर सांप्रदायिक और जातीय तनाव सामने आ चुके हैं।
एक तरफ मुख्यमंत्री योगी कड़क और चुस्त प्रशासन के दावे लगातार कर रहे हैं परंतु तनाव से जुड़ी खबरें उनके दावों को झुठलाती नजर आ रही हैं।
समुदायों में झड़प, नहीं उठाया पुलिस ने कोई कदम
गुरुवार रात संभल में लड़की भागकर ले जाने को लेकर दो समुदाय के बीच इतना बवाल बढ़ा कि एक गांव के करीब 10 परिवारों को रातों-रात पलायन करना पड़ा। पुलिस की मौजूदगी में ही लड़की पक्ष के लोगों ने एक समुदाय विशेष के घरों में जमकर तोड़-फोड़ की और पुलिस खड़ी देखती रही। गांव में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात होने और मौके पर मुरादाबाद रेंज के डीआईजी के सामने ही समुदाय विशेष के ग्रामीण पलायन करते रहे लेकिन, अधिकारियों ने भी ग्रामीणों को रोकने का प्रयास नहीं किया।
बुलंदशहर में लव जिहाद पर बवाल
27 अप्रैल को बुलंदशहर के पहासू में एक हिंदू लड़की मुस्लिम युवक के साथ भागी तो बवाल मच गया। इस मामले से गुस्साए भगवा ब्रिगेड के लोगों ने मुस्लिम युवक के पड़ोसी पर हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई। आरोप हिंदू युवा वाहिनी पर लगा। बाद में जब वह लड़की बरामद हुई तो उसने अपहरण और लव जिहाद का आरोप लगाया और बाकायदा 164 के बयान में इसकी तस्दीक की।
गौरतलब है कि पिछले 50 दिनों में अकेले बुलंदशहर में एक समुदाय विशेष की चार लड़कियों को भगाए जाने का मामला सामने आया है। जिसे लेकर एक बार फिर से इलाके में तथाकथित लव जिहाद फिर से सुर्खियों में है और इसे लेकर तनाव अब भी बरकरार है।
सहारनपुर में सांप्रदायिक तनाव
सहारनपुर में सांप्रदायिक तनाव की शुरुआत 20 अप्रैल से हुई जब अल्पसंख्यकों के इलाके से अंबेडकर की शोभा यात्रा को लेकर तनाव हुआ। इस शोभायात्रा में पथराव के बाद बवाल बढ़ा हालांकि बाद में इसे कंट्रोल कर लिया गया।
लेकिन, 5 मई को सहारनपुर में ही दलित और ठाकुरों के बीच तनाव की शुरुआत हो गई। सहारनपुर सबसे ज्यादा चर्चा में रहा, वजह थी ठाकुरों और दलितों के बीच फैला तनाव।
अंबेडकर जयंती की शोभा यात्रा के दौरान टकराव
20 अप्रैल 2017 को सहारनपुर के सड़क दूधली में अंबेडकर जयंती की शोभा यात्रा को लेकर दो पक्षो में जबरदस्त टकराव हुआ। यात्रा निकाल रहे एक पक्ष पर दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा पथराव किया गया।
महाराणा प्रताप की शोभा यात्रा के दौरान टकराव
5 मई 2017 को सहारनपुर के बड़गांव इलाके के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप की शोभा यात्रा के दौरान दो पक्षों में (दलित और ठाकुरों में) जमकर बवाल हुआ। दोनों ओर से जमकर पथराव और फायरिंग भी हुई। जिसमें एक युवक की मौत भी हो गई। गुस्साए ठाकुरों ने दलितों के कई घरों में तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया। कई वाहनों के साथ-साथ पुलिस के वाहनों में भी जमकर तोड़फोड़ की गई। मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों को भी उपद्रवियों ने गांव में जाने से रोक दिया।
भीम आर्मी व पुलिस के बीच टकराव
9 मई 2017 को सहारनपुर के शब्बीरपुर प्रकरण में दलितों के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ भीम आर्मी बिना परमिशन के धरना दे रही थी। पुलिस ने सभी को धरने से उठने के लिए कहा। इस पर भीम आर्मी ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर सबको वहां से भगा दिया। इसके बाद भीम आर्मी के लोगों ने शहर में चारों ओर पथराव व हंगामा शुरू कर दिया। चिलकाना रोड और मल्हीपुर रोड पर भीम आर्मी के लोगों ने पुलिस पर पथराव और हवाई फायरिंग की। कई वाहनों में आगजनी की। सहारनपुर में पिछले 25 दिनों में हिंसा की यह तीसरी घटना है। पुलिस की एक चौकी को भी दलितों की सेना ने आग के हवाले कर दिया।
हापुड़ में लड़कियों की छेड़ाखानी पर विवाद
29 मार्च की रात हापुड़ में दो पक्षों में मजाक-मजाक में विवाद बढ़ गया और यह सांप्रदायिक रूप लेते-लेते बचा। मामले को रातों-रात नियंत्रण में किया गया जिसमें दोनों तरफ के तकरीबन दर्जन भर लोग पकड़े गए थे। ये मामला भी लड़कियों की छेड़खानी को लेकर बढ़ा। मामला हापुड़ के बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के उपेड़ा गांव का है।
सांप्रदायिक घटनाओं पर लगाम योगी सरकार के लिए चुनौती
सहारनपुर में तनाव के बाद योगी सरकार ने न सिर्फ वहां के एसपी बदल दिए बल्कि डीजीपी से लेकर तमाम बड़े अधिकारी कैंप भी करते रहे बावजूद इसके सूबे मे छ