लखनऊ,दीपक ठाकुर। ईवीएम मशीन पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ने वाले राजनैतिक राज्य निर्वाचन आयोग से आ रही खबर पर अपनी भवे तरेरने को तैयार हो गए होंगे क्योंकि सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उससे तो यही लगता है कि ईवीएम मशीन में गड़बड़ी की उनकी बात पर राज्य निर्वाचन आयोग ने मोहर लगा दी है।
सूत्रों की माने तो भारत निर्वाचन आयोग को राज्य निर्वाचन आयुक्त ने एक पत्र भेजा है जिसमे ये कहा गया है कि राज्य निर्वाचन के पास हैं 2006 से पुरानी ईवीएम हैं तो इससे अच्छा होगा कि बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए।
खबर ये भी आ रही है कि राज्य निर्वाचन आयोग के सुझाव देने के बाद त्वरित कार्यवाई करते हुए ये एलान कर दिया है कि पुरानी ईवीएम के इस्तेमाल को खारिज करते हुए ये कह दिया है कि निकाय चुनाव जो जून माह में प्रस्तावित है वो अब बैलेट से कराया जाएगा।
सूत्रों से आ रही इस खबर में अगर ज़रा भी सच्चाई है तो ये खबर उन पार्टियों के जख्मों पर मरहम का काम करेगी जो अपनी चुनावी हार का ठीकरा ईवीएम मशीन पर फोड़ रहे थे जिसे जीता हुआ दल सिरे से नकार रहा था पर अब यदि ऐसा कुछ हुआ तो बोलने वालों की ज़ुबान को ताकत मिलेगी बाकी की ज़ुबान बंद हो जाएगी मगर अगर ऐसा हुआ भी तो निकाय चुनाव के नतीजे फिर एक बार काफी कुछ कहने को तैयार दिखेंगे।
वैसे राज्य निर्वाचन आयोग ने ये जो सुझाव भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है उससे तो यही लगता है कि अब तक भारत चुनाव आयोग ईवीएम की विश्वनीयता को लेकर जितने भी दावे कर रहा था उनमे कोई खास दम नही था अगर होता तो निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव के लिए बैलेट पेपर का सुझाव ना देता अब इससे उस चेलेंज का क्या होगा जो मई माह के पहले 10 दिन चलेगी ये बात भी सवालों के घेरे में खड़ी नज़र आ रही है।