भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 3 दिनों के प्रदेश दौरे पर राजधानी लखनऊ आये हुए थे। इस दौरान उन्होने सोमवार पत्रकारों से वार्ता की पहले केन्द्र सरकार की एक के बाद एख योजनाओं और उपलब्धियों का बखान किया। इसके बाद पत्रकारों के सवाल का जबाब दे रहे थे। इसी दौरान एक पत्रकार ने उनसे एक सवाल पूछा कि 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण की बात थी।
आप सत्ता में आये उस समय ये बात होने लगी कि राज्य में आपकी सरकार नहीं है। आपने 2017 के विधान सभा चुनाव के घोषणा पत्र में राम मंदिर को डाला आप प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापस आये। अब सामने 2019 में फिर लोक सभा का चुनाव है तो क्या फिर ये मुद्दा चुनावी घोषणा पत्र में जायेगा या इस बार ये किसी रूप में पूरा होता दिखेगा। बस इसी सवाल का अमित शाह ने जबाब देते हुए साफ कहा कि राममंदिर हम ताकत से नहीं बनाना चाहते ना बना सकते हैं।
Ajassr Piyush
राममंदिर के विषय में कोर्ट जो निर्णय देगा और सर्वसहमति से इस बात का हल निकलेगा वही स्वीकार है। इस मुद्दे में कोर्ट का जो आदेश होगा वो मान्य है। इसके अलावा हमने कभी ऐसा नहीं कहा कि कोर्ट के आदेश के विपरीत हम मंदिर का निर्माण करेंगे।