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Thursday, September 19, 2024

​रायपुर में आसाराम की सेविका शिल्पी के घर सन्नाटा

रायपुर। दुष्कर्म के मामले में जोपुर कोर्ट ने आसाराम की जिस सेविका शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता को बीस साल की कैद की सजा दी है, वह मूलत: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली है। फिलहाल उसका पूरा परिवार राजधानी रायपुर रहता है। कोर्ट का फैसला आने के वक्त यहां रायपुर स्थित उसके घर पर सन्नाटा पसरा हुआ था। दूसरी मंजिल पर गुप्ता परिवार का निवास है, जहां ताला लटका हुआ है।
जबकि नीचे के मकान में कुछ लोगों की हलचल जरुर देखी गई, वो भी मीडिया के आने की भनक पाकर पीछे के दरवाजे से निकल गए। शिल्पी के पिता एमके गुप्ता, पत्नी व अन्य के साथ पिछले कई दिनों से जोपुर में ही हैं। ‘नईदुनिया” ने शिल्पी के पिता और नगरीय प्रशासन विभाग के अकिारी एमके गुप्ता से संपर्क करने की लगातार कोशिश की। मोबाइल पर उन्होंने न तो कॉल रिसीव किया और न ही मैसेज का कोई जवाब दिया।

रायपुर के तेलीबांध वीआईपी रोड स्थित मौलश्री विहार के मकान नंबर 35 में शिल्पी गुप्ता का पूरा परिवार सालों से निवासरत है। पिता एमके गुप्ता टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में नगर निवेशक रह चुके हैं। वर्तमान में इसी विभाग में ही पदस्थ हैं। शिल्पी का पूरा परिवार आसाराम के प्रति समर्पित रहा है।

शिल्पी उर्फ संचिता के माता-पिता और उसकी बहन आसाराम के आश्रम में अक्सर जाते थे। शिल्पी भी उनके साथ आश्रम में जाती थी। बचपन से ही शिल्पी पढ़ने-लिखने में मेावी थी। शिल्पी ने रायपुर से साइकोलॉजी से एमए किया है। आसाराम से बेहद प्रभावित रही शिल्पी ने 2005 में अहमदाबाद आश्रम में आसाराम से दीक्षा ली थी।

बेटी के जेल जाते ही एकाकी जीवन

दो मंजिला बंगले में गुप्ता परिवार ऊपरी मंजिल पर निवासरत है। पड़ोसियों के अनुसार नीचे के कमरों को उन्होंने आसाराम भक्तों को दे रखा है। बुवार शाम जब नईदुनिया टीम वहां पहुंची तो नीचे के कमरे में आसाराम के भक्त मौजूद थे। मीडिया से दूरी बनाए रखने बाहर से दरवाजे पर ताला लगा रखा था।

कुछ देर बाद पीछे के रास्ते से तीन-चार लोग चुपके से निकलकर चले गए। वहीं कार से भी कुछ लोगों के जाने की जानकारी पड़ोसियों ने दी। उन्होंने बताया कि जब से बेटी जेल में है तब से गुप्ता परिवार एकाकी जीवन व्यतीत करता आ रहा है। घर से सदस्यों को बाहर टहलते या किसी से बातचीत करते किसी ने नहीं देखा। केवल कार से आते-जाते ही दिखाई देते हैं।

इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर पहुंचे आश्रम

पुणे में इंजीनियरिंग करने के दौरान शिल्पी आसाराम के सत्संग में जाने लगी थी। इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी ठुकरा दी और 2007-08 में आसाराम के आश्रम चली गई । आसाराम के साथ देश के कोने-कोने में प्रवास से लेकर विदेशों में भी वह नजर आई ।

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