लखनऊ,न्यूज़ वन इंडिया- दीपक ठाकुर। कांग्रेस पार्टी के युवराज कहे जाने वाले राहुल बाबा अब बच्चे नही रह गए उनका कद पार्टी में सबसे बड़ा हो गया है।आज उनको पार्टी का अध्यक्ष बना दिया गया ये पद उन्हें उनकी माता जी सोनिया गांधी के रिटार्यमेंट के बाद मिला है कांग्रेस पार्टी का इतिहास काफी पुराना है देश को कांग्रेस पार्टी ने बहुत कुछ दिया भी है।एक समय मे कांग्रेस पार्टी ही ऐसी पार्टी थी जिसपर जनता आंख मूंद कर विश्वास और वोट करती थी।
मगर जैसे जैसे समय बदला वो विश्वास भी डगमगाने लगा जनता भी कांग्रेस की नीतियों से परहेज करती दिखाई देने लगी।जवाहरलाल नेहरू,इंदिरा गांधी और राहुल गांधी के बाद की जो स्थित पार्टी की थी उसमें कहीं भी सटीक मैनेजमेंट नही दिखाई दिया सिर्फ पुराना नाम ही सामने आता रहा वो नाम था कांग्रेस।
लेकिन नाम से ही काम नही चलता काम चलता है तो आपके अपने काम से कहा भी यही गया है कि जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा मतलब मेहनत आपकी रहमत ऊपर वाले की।बहरहाल कंग्रेस पार्टी में अब अध्यक्ष पद पर राहुल गाँधी के काबिज़ होने के बाद उम्मीद ये की जानी चाहिए कि पहले तो राहुल गांधी अपने संगठन को मजबूत करने का काम करे और उनमें व्यवहार से कार्यकर्ताओ में ये उम्मीद जगाएं की उनकी पार्टी अपने हर कार्यकर्ता और नेता के साथ चौबीस घण्टे खड़ी है।
इसके बाद राहुल गांधी को एक एजेंडा सेट करना पड़ेगा और जनता के बीच रह कर उनकी समस्याओं को समझना होगा साथ ही बचकाने व्यवहार से भी बचना होगा ताकि उनको कोई हंसी का पात्र ना माने।
राहुल गांधी के पास खोने को कुछ नही है पर उनकी मेहनत उनका हासिल बहुत कुछ करा सकती है जो हालात अभी पार्टी के हैं वहां से पार्टी को बुलंदी पर ले जाने में राहुल को अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी पड़ेगी उन्हें ये बात भी ध्यान रखनी पड़ेगी की उनकी दादी और उनके पिता देश के ऐसे लोकप्रिय नेता रहे है जिनकी एक आवाज़ पर पूरा देश एक साथ खड़ा दिखाई देता था जिसका कारण था उनका कुशल नेतृत्व और सटीक राजनीतिक चाल।अब राहुल गांधी को भी अगर देश को देना है तो वो है सुरक्षा,सौहार्द और जन कल्याण का विश्वास क्योंकि यही वो चीज़ है जिसके लिये जनता अपना नेता चुनती है।तो लगता तो यही है कि राहुल कुछ ऐसा ही करने की सोच कर ही इस ज़िम्मेदारी के लिये आगे आये हैं अब वो देश को कितना आगे ले जाते है।ये उनके लिए बड़ी चुनोती से कम नही होगा।