दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। देश में पिछले 10 दिन की अवधि में यह रेल के पटरी से उतरने की तीसरी घटना है। बीते 19 अगस्त को उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित खतौली में तेज रफ्तार वाली उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे और एक डिब्बा पटरी के पास बने एक मकान में जा घुसा था। इस घटना में 23 लोग मारे गए और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बीते 25 अगस्त को मुंबई में अंधेरी जाने वाली एक लोकल ट्रेन के छह डिब्बे पटरी से उतर गए। इसमें छह यात्री घायल हो गए थे।
इसके चलते रेल मंत्री सुरेश प्रभु का इस्तीफा भी मांगा जा रहा था। प्रभु ने घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश भी की थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको कुछ वक्त रुक जाने के लिए कहा। खबरों के मुताबिक, अगले कैबिनेट बदलाव में नितिन गडकरी को रेल मंत्रालय दिया जा सकता है।पर उसके लिये अभी समय है।
महाराष्ट्र में नागपुर-मुंबई दूरंतो एक्सप्रेस पटरी से उतर गई है। ट्रेन के नौ डिब्बे पटरी से उतरे। घटना में कुछ लोगों के घायल होने की खबर है। आलनगांव-वासिंद के बीच कल्याण के पास हादसा हुआ है। रेसक्यू टीम मौके पर पहुंच चुकी है। हादसा सुबह 6 बजे के करीब हुआ। ज्यादातर लोग उस वक्त सो रहे थे। रेलवे के एक अन्य अधिकरी ने कहा कि यह दुर्घटना सुबह छह बजकर 35 मिनट पर आसनगांव रेलवे स्टेशन के पास हुई है।
भारत मे ट्रेन हादसों में वर्द्धि होने का कारण मानवीय लापरवाही तो है ही साथ ही सरकारी लचीलापन भी इन हादसों का उतना ही जिम्मेवार है मगर ज़िम्मेदार लोग मौन लगाए बैठे हुए हैं शायद इस इंतज़ार में के अभी बड़ा हादसा उनके हिसाब वाला नही हो पाया है।बड़े दुर्भाग्य की बात है देश को एक स्थान से दूसरे स्थान को जोड़ने वाली पटरी ही धोखे पे धोखा देती जा रही पर हम कुछ कर ही नही रहे सिवाय बातों के जो हर हादसे के बाद की जाती है।