म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की
दुनियाभर में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर उठ रहे सवालों के बीच पहली बार म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं आएंगे.
देश को संबोधित करते हुए सू की ने कहा है कि वह जानती हैं कि पूरी दुनिया की नजरें रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन पर टिकी हुई हैं. लेकिन उन्होंने हिंसा के लिए पिछले साल भर में रोहिंग्या चरमपंथियों की तरफ से हो रहे हमलों को जिम्मेदार बताया.
उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मुस्लिम आतंकी घटनाओं में शामिल हैं और रोहिंग्या ने देश में कई हमले कराए. 25 अगस्त को रोहिंग्या ने 30 पुलिस चौकियों पर हमला किया.
सू की ने कहा कि म्यांमार काफी वक्त से आतंकवाद से लड़ रहा है. हम पलायन करने वाले लोगों से बातचीत करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि रखाइन प्रांत में फैले संघर्ष में जिन तमाम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, उनके लिये मैं दिल से दुख महसूस कर रही हूं. हमने रखाइन में शांति स्थापित करने और भाईचारा कायम करने की पूरी कोशिश की.
सू की ने ये भी साफ किया कि उन्हें लगातार बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव से फर्क नहीं पड़ता. वे राज्य की स्थिति को सुधारने के लिए एक स्थायी समाधान खोजने को प्रतिबद्ध हैं.